मी टू मूवमेंट से लेकर कई संवेदनशील मुद्दों पर मुखर रहने वाली एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने हाल ही में चौंकाने वाला खुलासा किया है. स्वरा ने कहा कि एक डायरेक्टर ने वर्कप्लेस पर उनका यौन उत्पीड़न किया था हालांकि उस समय वे इसे समझ नहीं पाई थीं. उन्होंने कहा, ' जब मैंने किसी और महिला को इस तरह के अनुभव के बारे में एक पैनल में बात करते हुए सुना तब जाकर मुझे एहसास हुआ कि मेरे साथ जो हुआ था वो यौन उत्पीड़न था. मुझे इस बात को समझने में ही 6-8 साल लग गए.'
उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे लगा था कि वो डायरेक्टर शायद बेवकूफी भरी चीज़ें कर रहा है लेकिन मुझे बाद में एहसास हुआ कि वो बेहद शातिर था और मुझे हैरेस करने की कोशिश कर रहा था. मैं उनका बिहेवियर पहचान नहीं पाई क्योंकि हमारे समाज में लड़कियों को मर्दों के गलत बिहेवियर के बारे में सिखाया नहीं जाता. मेरा मानना है कि लड़कियों को यौन उत्पीड़न से जुड़े बर्ताव को पहचानने की शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि वे अपने साथ होने वाली हर गलत आवाज़ के खिलाफ खड़ी हो सकें.'
स्वरा भास्कर, हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे वाइन्स्टाइन के जीवन पर आयोजित एक पैनल चर्चा में बोल रही थीं. हार्वे वही लोकप्रिय प्रोड्यूसर हैं जिन पर कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और इन आरोपों के बाद ही हॉलीवुड में मी टू मूवमेंट शुरू हुआ था. हॉलीवुड में मी टू मूवमेंट ने भूचाल ला दिया था और केविन स्पेसी और मॉर्गन फ्रीमैन जैसे वरिष्ठ कलाकारों पर भी आरोप लगे थे जिससे केविन का करियर बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
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इसके कुछ समय बाद तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर हैरेसमेंट का आरोप लगाया था और बॉलीवुड में मी टू मूवमेंट की शुरूआत की थी. स्वरा भास्कर के साथ इस पैनल में दिया मिर्जा और निर्देशक आनंद पटवर्धन भी मौजूद थे. हार्वे के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'मुझे लगता है कि महिलाओं को लेकर असंवेदनशील समाज होने के चलते इस तरह के लोगों को शह मिलती है. मुझे लगता है कि ये केवल एक लोकप्रिय प्रोड्यूसर की ही बात नहीं है बल्कि इस समय हमे उस कल्चर, उस समाज के बारे में भी बात करनी चाहिए जिसके चलते ऐसे लोग पावरफुल पोजीशन तक पहुंचते हैं और महिलाओं के प्रति अपने घटिया रवैये को बरकरार रखते हुए उनका शोषण करते हैं.'