नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म 'ठाकरे' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन बेहतरीन रहा. फिल्म ने कंगना की 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' को नुकसान पहुंचाया है. अभिजीत पानसे के निर्देशन में बनी ठाकरे ने पहले दिन 6 करोड़ का बिजनेस किया है, जबकि मणिकर्णिका ने 8.75 करोड़ की कमाई की है. बता दें कि ठाकरे के बॉक्स ऑफिस पर 2.75 से 3 करोड़ और मणिकर्णिका के 13-15 करोड़ कमाने की उम्मीद थी.
मणिकर्णिका को बड़े पैमाने पर रिलीज किया गया है. भारत में 3000 स्क्रीन्स पर और विदेशों में 700 स्क्रीन्स पर फिल्म रिलीज़ हुई, जबकि ठाकरे को महज 1300 स्क्रीन्स पर और ओवरसीज में 400-500 स्क्रीन्स पर रिलीज किया गया. इस लिहाज से बॉक्स ऑफिस पर ठाकरे ने मणिकर्णिका का खेल बिगाड़ा है और नुकसान पहुंचाया है. जाहिर है आने वाले समय में भी ठाकरे, मणिकर्णिका को कड़ी टक्कर देगी.
ठाकरे के मणिकर्णिका को नुकसान पहुंचाने के पीछे कई वजह है. पहले हमने बताया था कि कैसे ठाकरे मणिकर्णिका का खेल बिगाड़ सकती है. और हमारी आशंका सच साबित हुई.
मुंबई सर्किट में ठाकरे की कमाई
आमतौर पर मुंबई सर्किट में फिल्म की कमाई सबसे ज्यादा होती है. रणवीर सिंह की सिम्बा और यश की KGF ने भी इसी सर्किट से सबसे ज्यादा कमाई की थी. और बाल ठाकरे को मराठी लोगों के हक़ की आवाज उठाने वाले नेता के तौर पर याद किया जाता है. महाराष्ट्र में लोग उन्हें हीरो मानते हैं. ऐसे में इस सर्किट से ठाकरे को खूब फायदा मिला है. लोग अपने लोकप्रिय नेता के ऊपर बनी फिल्म देखने पहुंचे हैं. फिल्म के मराठी वर्जन ने काफी अच्छी कमाई की है. फिल्म के वीकेंड पर भी अच्छी कमाई की उम्मीद है.
#Thackeray has scored in #Maharashtra specifically... #Marathi version has collected very well... #RepublicDay holiday [today] should help escalate its biz... Fri ₹ 6 cr. India biz. #Hindi #Marathi
— taran adarsh (@taran_adarsh) January 26, 2019
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#Thackeray has scored in #Maharashtra specifically... #Marathi version has collected very well... #RepublicDay holiday [today] should help escalate its biz... Fri ₹ 6 cr. India biz. #Hindi #Marathi
— taran adarsh (@taran_adarsh) January 26, 2019
नवाज की एक्टिंग का भी मिला फायदा
फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बाल ठाकरे का किरदार निभाया है. फिल्म में वो बिल्कुल बाल ठाकरे की तरह लग रहे हैं. उनका लुक और अदाकारी लोगों को सिनेमाघर तक खींच ही लाया.
हिंदुत्व का डोज
इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि बाल ठाकरे का विवादों से गहरा नाता रहा है. उन्हें हिंदुत्व का चेहरा माना जाता है. फिल्म में भी कई विवादों को दिखाया गया है. फिल्म में पाकिस्तान और बाबरी मस्जिद से जुड़े मुद्दों को जगह दी गई है. ऐसे में महाराष्ट्र के अलावा यूपी-बिहार जैसे हिंदी बेल्ट से भी फिल्म को फायदा मिला.