अपनी फिल्म 'माई नेम इन खान' की रिलीज में जुटे करन जौहर आतंकवाद को एक प्रेम कहानी से जोड़ने की बात करते हैं, तो उनकी कंपनी में बनी फिल्म 'कुर्बान' याद आती है और करन को यह बात पसंद नहीं है.
इस फिल्म को आपकी स्टाइल की फिल्म नहीं माना जा रहा.
मैं इसे एक ऐसी फिल्म मानता हूं, जो मनोरंजन भी करेगी और आतंकवाद जैसे मामले पर हमें सोचने के लिए मजबूर भी करेगी.
इसी थीम पर आपकी कंपनी में कुछ ही दिनों पहले 'कुर्बान' बनी थी.
मैं पीछे पलटकर नहीं देखता. उस फिल्म का इस फिल्म से न तो कोई मुकाबला है, न ही समानता है. दोनों फिल्में अलग-अलग हैं.
लेकिन उसमें भी आतंकवाद की बात थी. अमेरिका की कहानी थी और काफी कुछ ऐसा था, जो इस फिल्म जैसा लगता है.
जब फिल्म रिलीज होगी, तो यह गलतफहमी दूर हो जाएगी.
शाहरुख-काजोल की जोड़ी लंबे समय बाद लौट रही है. बहुत उम्मीदें रहेंगी.
उम्मीदें हमेशा रहती हैं. हम हमेशा कोशिश करते हैं कि हम लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरें. इस बार भी यही कोशिश है.