साल 2010 में बैंड बाजा बारात से एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले रणवीर सिंह आज बॉलीवुड में एक सुपरस्टार का दर्जा हासिल कर चुके हैं. जहां उनकी पिछली फिल्म पद्मावत ने 300 करोड़ से ऊपर की कमाई की, वहीं हालिया रिलीज़ सिम्बा अकेले भारतीय बाजार में दो सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर चुकी है. उनकी आने वाली फिल्म "गली बॉय" को भी लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है.
इसके बाद वे कपिल देव की बायोपिक "83" में नज़र आने वाले हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि रणवीर इस वक्त इंडस्ट्री के सबसे बड़े स्टार हैं. उनकी फिल्मों का कलेक्शन इस बात की गवाही भी दे रहा है. लेकिन उनकी जिंदगी में एक वो दौर भी आया था जब उन्होंने एक्टर बनने का सपना ही भुला दिया था. रणवीर ने अपने एक पुराने इंटरव्यू में बताया भी है, "भारत में फिल्मों को पूजा जाता है और हर जवां लड़के के दिल में कहीं न कहीं हीरो बनने की ख्वाहिश होती है. ये बेहद दिलचस्प है कि भारत में अभिनेताओं को एक्टर कम और हीरो ज्यादा बुलाया जाता है."
"मैं भी बचपन से ही फिल्मों की दुनिया से काफी प्रभावित था, भले ही फिल्मी परिवार से दूर का संबंध था, लेकिन मैं एक तरह से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बाहरी ही था. ऐसे में मुझे लगता था कि आप किसी फिल्म में लीडिंग रोल तभी हासिल कर सकते हो जब आपका कोई फिल्मी बैकग्राउंड हो या फिर आप स्टार किड हो."
"ईमानदारी से कहूं तो 15-16 साल की उम्र तक मैंने अपने एक्टर बनने के सपने को भुला दिया था और मैं कॉपीराइटर बनने की तैयारी करने लगा. मैंने एडवर्टाइज़िंग की पढ़ाई के के लिए अमेरिका का रूख किया."
View this post on Instagram
Jaadoo ki Jhappi! 🤗 Joy to meet the Honourable Prime Minister of our great nation 🇮🇳 @narendramodi
View this post on Instagram
View this post on Instagram
Advertisement
View this post on Instagram
रणवीर ने कहा, "मैं उस समय सेकेंड ईयर में था और परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मैंने एक्टिंग कोर्स ज्वॉइन कर लिया. उस कोर्स के पहले ही दिन मेरे एक्टिंग इंस्ट्रक्टर ने कहा, मुझे नहीं पता कि तुम कौन हो और कहां से आए हो, लेकिन मैं चाहता हूं कि तुम अभी पूरी क्लास के सामने परफॉर्म करो. वहां मौजूद लोगों में से किसी को हिंदी नहीं आती थी."
"मैंने हिंदी में परफॉर्म करना शुरू किया और मेरी परफॉर्मेंस देखकर वहां लोग अवाक रह गए. उस दौरान मुझे एहसास हुआ कि मैं अपनी एक्टिंग से लोगों में इमोशनल रिएक्शन जगा सकता हूं और मैं अभिनय कर सकता हूं. मैंने अपने आप से पूछा कि आखिर क्यों मैं अपने पैशन को फॉलो नहीं कर रहा हूं."
"मैं फेल हो सकता हूं लेकिन अपने पैशन के लिए प्रयास ही ना करना मेरी सबसे बड़ी हार होती. उसी के बाद से मैंने एक्टिंग को लेकर गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया था."