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द स्काई इज पिंक Review: इमोशन्स से भरी प्रियंका-फरहान की मूवी, समझाती है जिंदगी की अहमियत

प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर स्टारर फिल्म द स्काई इज पिंक इस शुक्रवार को रिलीज हो रही है. क्या ये इस फिल्म में खास, जानिए हमारे रिव्यू में.

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प्रियंका चोपड़ा-फरहान अख्तर
प्रियंका चोपड़ा-फरहान अख्तर
फिल्म:The Sky Is Pink
3.5/5
  • कलाकार :
  • निर्देशक :Shonali Bose

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कभी सोचा है कि क्या हो जब आपको पता चले कि जिन्दा रहने के लिए आपके पास सिर्फ कुछ साल हैं? या कुछ दिन या फिर सिर्फ चंद घंटे? मैंने भी नहीं सोचा. हम जिंदगी की दौड़-भाग में इतने मशगूल रहते हैं कि जिंदगी जीना भूल जाते हैं. हम ये भी भूल जाते हैं कि एक दिन हमें ये दुनिया छोड़ देनी है. इस दुनिया के सारे लोग छोड़ देने हैं. अपना परिवार, दोस्त, पेट्स, सपने और यादें सबकुछ. और आपके चले जाने के बाद क्या होगा कभी सोचा है?

जिंदगी मनमौजी है, हम गंभीर भाषा में उसे अप्रत्याशित यानी Unpredictable कहते हैं. वो हमारी सोच के मुताबिक नहीं चलती हमें उसके मुताबिक चलना पड़ता है. और कभी-कभी कुछ लोगों के साथ जिंदगी भद्दा मजाक भी करती है. किसी को खो देना कभी आसान नहीं होता. किसी को बचाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करना, अपना जीवन उसपर कुर्बान कर देना और फिर भी उसे खो देना तो बिल्कुल भी नहीं.

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कहानी

जिंदगी की जंग और उसमें सबकुछ गवां कर भी जीने की कहानी है प्रियंका चोपड़ा की फिल्म 'द स्काई इज पिंक.' फिल्म की कहानी एक लड़की और उसके परिवार के बारे में है. लड़की है आयशा चौधरी (जायरा वसीम), जो पैदा होने के बाद से ही SCID यानी Severe Combined Immunodeficiency जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. इसका मतलब है कि आयशा की बॉडी में इम्यून सिस्टम है ही नहीं, वो बहुत जल्दी एलर्जी पकड़ सकती है और भीड़ में नहीं जा सकती. अगर उसने कोई भी बैक्टीरिया पकड़ा तो बहुत जल्दी बहुत बीमार हो जाएगी. आगे चलकर उसको पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की फेफड़ों की बीमारी भी हो जाती है, जो लाइलाज है.

आयशा के मां-बाप निरेन चौधरी (फरहान अख्तर) और अदिति चौधरी (प्रियंका चोपड़ा) उसके पैदा होने के बाद से ही उसे दिल्ली के हर डॉक्टर को दिखा चुके हैं और आगे जाकर उन्हें लंदन में बेटी का इलाज करवाना पड़ता है. अदिति और निरेन के पास पैसे नहीं है और उनकी बच्ची की जिंदगी खतरे में है. अदिति का बड़ा भाई ईशान (रोहित सराफ) बचपन से सोच रहा है कि उसे अपनी बहन को बचाना है.

अगर आप सोचते हैं कि पैसा आपको सबकुछ दे सकता है तो जनाब आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं. क्योंकि पैसा आपको लगभग सबकुछ तो दे सकता है लेकिन आपके करीबी की जान नहीं लौटा सकता. और कभी-कभी बचा भी नहीं सकता. निरेन और अदिति ने दिन-रात काम करके पैसे कमाए और अपनी बेटी के इलाज में लगा दिए. उसका अंजाम क्या था ये सब जानते हैं.

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असल जिंदगी की कहानी पर आधारित इस फिल्म में छुपाने वाली कोई बात नहीं है. आयशा की कहानी हम सभी ने एक ना एक बार तो कहीं पढ़ी या सुनी होगी. वरना प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर काफी समय से फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं, उन्होंने इस कहानी को सभी को बताया है. लेकिन फिर भी ये कहानी आपको नई लगती है. आयशा की जिंदगी, उसके मां-बाप का स्ट्रगल और उसके भाई का डर सब असली है और पर्दे पर जब आप उसे देख रहे होते हैं, तो फूट-फूटकर रोने का मन करता है.

परफॉर्मेंस

परफॉर्मेंस की बात करें तो प्रियंका चोपड़ा का ये बॉलीवुड कमबैक अच्छा है. ये फिल्म काफी इमोशनल और खूबसूरत है और PC ने इसमें बढ़िया काम किया है. एक लड़की जो बहादुर और बेहद जिद्दी है, आगे चलकर एक कभी हार ना मानने वाली मां बनती है. वो मां, जो अपनी बेटी की जिंदगी बचाने और उसे एक और दिन जिंदा देखने के लिए अपने पूरी जान लगा देती है. अदिति चौधरी के किरदार में प्रियंका चोपड़ा की परफॉरमेंस पावरफुल है.

फरहान अख्तर, आयशा के पिता निरेन चौधरी के किरदार में हैं. फरहान की एक्टिंग अलग ही होती है, ये बात आप जरूर मानते होंगे. जब वो पर्दे पर होते हैं, तो और कोई नहीं होता. एक पिता जो हमेशा से परेशान है, दूसरे देश जाकर अपनी बच्ची के इलाज के लिए दर-दर पैसे मांगता फिर रहा है, एक पिता जो जितना दर्द महसूस कर रहा है उतना बताता नहीं है, जो दिन-रात मेहनत करके पैसे कमाने में लगा है ताकि उसकी बच्ची की जान बच जाए. ये सब जब फरहान आपको इस फिल्म में करके दिखाते हैं, तो आपका मन उन्हें गले लगाने को करता है.

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हम सबके पापा ऐसे ही तो होते है न, हमारे लिए सबकुछ करने वाले और अपने दुख को छुपाकर रखने वाले. वो आपको स्ट्रॉन्ग रहने को कहते हैं भले ही वो अंदर से कितने भी कमजोर हों. फिल्म में फरहान और प्रियंका एक दूसरे को परफॉर्मेंस के मामले में पीछे छोड़ते हैं. आपको कुछ सीन्स में फरहान जबरदस्त लगते हैं तो कुछ में प्रियंका.

मुझे लगता है कि आयशा काफी हद तक लकी थी, जो उसे ईशान जैसा भाई मिला. जहां मैं और मेरा भाई एक दूसरे से ढंग से बात नहीं करते, वहीं आयशा और ईशान का रिश्ता काफी गहरा था. ईशान चौधरी के रोल में रोहित सराफ ने बहुत अच्छा काम किया है. एक बढ़िया सीन फिल्म में है, जो उन्होंने बताया था कि उनके लिए बहुत मुश्किल था. लेकिन उन्होंने उस सीन को परफेक्ट किया है.

अब बात करते हैं हमारी आयशा के बारे में. दंगल एक्ट्रेस जायरा वसीम इस फिल्म में आयशा का किरदार निभा रही हैं. जायरा को हमने दंगल और सीक्रेट सुपरस्टार जैसी फिल्मों में बढ़िया काम करते पहले ही देख लिया है. ये एक बिल्कुल अलग रोल था, जिसे उन्होंने काफी बढ़िया ढंग से निभाया है. जायरा फिल्म को नैरेट कर रही हैं. उनका मजाकिया अंदाज, एक बीमार लड़की के रोल में उनका काम. सब काफी अच्छा है.

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डायरेक्शन

डायरेक्टर शोनाली बोस ने इस फिल्म को हम सभी तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत की है और वो दिखता है. द स्काई इज पिंक, इमोशन्स से भरी है. कभी हार ना मानना, हमेशा डटे रहना, बेटी की जिंदगी में कुछ नया करने की कोशिश करना, उसको एक लव लाइफ देने की कोशिश करना, जिंदगी के यादगार एडवेंचर पर लेकर जाना ये सब अदिति (प्रियंका) और निरेन (फरहान) पर्दे पर कर रहे होते हैं, तो आप बस चुपचाप सब देख रहे होते हैं. आपको समझ नहीं आता कि इनके दुख में हंसे या खुशी में रोए? या फिर कुछ भी ना करें.

फिल्म में बहुत से साइलेंट मोमेंट्स हैं, जो सबसे ज्यादा दमदार हैं. फिल्म का म्यूजिक बहुत अच्छा है, जो फिल्म खत्म होने के बाद भी आपके साथ रहता है.

लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि फिल्म में कमियां नहीं है. कभी-कभी फिल्म में कुछ सिल्ली मोमेंट्स भी आते हैं, एक्टर्स की एक्टिंग थोड़ी ओवर या बनावटी भी लगती है. बहुत सी जगह ये थोड़ी स्लो भी है. लेकिन फिर भी ये फिल्म खूबसूरत है और आपको जिंदगी की अहमियत बताती है.

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