'बागी' फिल्म के ट्रेलर के बाद एक्टर टाइगर श्रॉफ एक बार फिर चर्चा में हैं, हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, 'कुंग फू विश्व को भारत की ही देन है. मार्शल आर्ट की इस खास टैकनीक को लाने वाले भारतीय मूल के बौद्ध संत बोधिधर्मा ही थे.'
बहरहाल लोगों को यह भ्रम है कि कुंग फू चीन की देन है. लेकिन यह बात सही है कि चीन के लोग इसे ज्यादा सीखते हैं और आत्मरक्षा के लिए इस विधा को अपनाते हैं. लेकिन इससे यह तो साबित नहीं होता है कि कुंगफू चीन की ही खोज हो.
संत बोधिधर्मा को कुंग फू का पिता कहा जाता है. चीन के शाओलिन में उनके नाम पर कई मंदिर बने हैं. तो कयास ये लगाए जाते रहे हैं कि 6वीं सदी के समय संत बोधिधर्मा चीन गए. उस समय चीन का कोई अस्तित्व नहीं था, संत तो हिंदकुश के हिमालय पर्वत के उस पार रह रहें लोगों को बौद्ध धर्म का ज्ञान देने गए थे.
लेकिन वह वहीं बस गए और साथ में अपने नायाब अविष्कार कुंग फू को वहां के लोगों में बांटा. जिससे कुंग फू उस खास इलाके में पूरी तरह से फला-फूला. इन्हीं सब बातों पर टाइगर ने कहा कि 'कुंग फू का अविष्कार भारत में हुआ है.
कुंग फू मार्शल आर्ट की सबसे पुरानी विधा है जिसमें बिना किसी हथियार के लड़ाई लड़नी होती है. यूं कहें तो यह बिना लड़े लड़ने की कला है. इस बात को लेकर दूविधा है कि कुंग फू भारतीय बौद्ध संत बोधिधर्मा की शिक्षाओं पर आधारित है जो कि छठीं सदी में चीन में चले गए थे या नहीं.
लेकिन यह बात निश्चित है कि बोधिधर्मा जहां भी गए अपने साथ मार्शल ऑर्ट का एक नायाब रूप अपने साथ लेकर गए. जैसा कि केरल का कलिरीपयट्टू आप अभी देख सकते हैं. बोधिधर्मा शॉओलिन में बने नए मंदिर में रह गए और अन्य बौद्ध संतों के साथ अपनी पूरी जिंदगी इसी कला को सौंप दी.
समय के साथ-साथ कुंग फू चाइना के साथ पूरे विश्व में फैला और आज इसे सबसे खतरनाक फाइटिंग स्किल माना जाता है.