फिल्म निर्माता लक्ष्मी आर. अय्यर का कहना है कि 'द गांधी मर्डर' एक व्यवसायिक ऐतिहासिक थ्रिलर है न कि फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जाने वाली मूवी. अय्यर ने आईएएनएस को बताया, "यह (फिल्म) 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या के पीछे असली सच पर हमारी समझ है."
उन्होंने कहा कि यह एक एक्शन थ्रिलर और एक व्यवसायिक ऐतिहासिक थ्रिलर है. इसलिए हम इसे व्यवसायिक रूप से रिलीज कर रहे हैं. महात्मा गांधी उन प्रसिद्ध लोगों में से एक थे, जो कभी हमारे बीच रहते थे.
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'द गांधी मर्डर' 30 जनवरी 2019 को दुनियाभर में रिलीज होगी. उन्होंने बताया, "यह आजादी और विभाजन के तुरंत बाद देश की स्थिति और सीमा के दोनों ओर खुद को बेघर पाने वाले लोगों के गुस्से के बारे में बताती है." अय्यर ने कहा, "परिवार के सदस्यों को क्रूर तरीके से काट दिया गया, महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर उन्हें मार दिया गया, पुरुषों व बच्चों को जिंदा जला दिया गया. यह भारत के लिए एक भयानक समय था."
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फिल्म में दिवंगत अभिनेता ओम पुरी स्वतंत्र भारत के खुफिया विभाग के पहले निदेशक का किरदार निभा रहे हैं. उन्होंने कहा, "फिल्म बताती है कि अगर महात्मा गांधी के पास पर्याप्त सुरक्षा थी, तो पुलिस ने क्यों उस वक्त कार्रवाई नहीं की."
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