गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री नंदा का निधन हो गया है. उन्होंने आज सुबह 9:15 बजे आखिरी सांस ली. वह 75 साल की थीं. मुंबई में आज ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा.
8 जनवरी 1939 को मुंबई के एक मराठी भाषी परिवार में जन्मीं नंदा के पिता मास्टर विनायक भी अभिनेता थे. अपने पिता की मौत के बाद नंदा को महज आठ साल की छोटी उम्र में रोजी-रोटी के लिए फिल्मों में काम करना पड़ा. उन्होंने 1957 से 1995 के दौरान फिल्मों में सक्रिय योगदान दिया. वह कई फिल्मों में छोटी बहन के किरदार में नजर आईं, लेकिन 'भाभी' और 'छोटी' बहन जैसी फिल्मों से उन्हें पहचान मिली.
नंदा के मामा वी शांताराम ने उन्हें अपनी फिल्म 'तूफान और दीया' (1956) में बड़ा ब्रेक दिया. भाई-बहन के रिश्तों पर बनी यह फिल्म बड़ी हिट साबित हुई. उन्हें फिल्म 1957 में आई फिल्म 'भाभी' के लिए पहली बार सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री का फिल्मफेयर नॉमिनेशन मिला. नंदा का कहना था कि उन्हें अवॉई इसलिए नहीं मिला क्योंकि अवॉर्ड के लिए लॉबिंग की गई थी. इसके बाद वह देव आनंद के साथ फिल्म 'काला बाजार' में सपोर्टिंग रोल में नजर आईं. उन्होंने 'धूल का फूल' जैसी कई बड़ी फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार भी निभाए.
नंदा का फिल्मकार मनमोहन देसाई के साथ अफेयर था. 18 जून 1992 को दोनों की सगाई भी हुई, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया. सगाई के दो साल बाद दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए.