तमिल थिएटर और सिनेमा के जाने माने कलाकार क्रेजी मोहन का रविवार को 67 की उम्र में निधन हो गया. क्रेजी मोहन चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में भर्ती थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक इलाज के दौरान एक्यूट हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हो गया. क्रेजी मोहन का असली नाम मोहन रंगाचारी है. लेकिन उनके मशहूर नाटक 'क्रेजी थिव्स इन पलवक्कम' के बाद लोग उन्हें क्रेजी मोहन के नाम से पहचानने लगे.
क्रेजी मोहन ने कमल हासन के साथ भी तमिल फिल्मों में काम किया है. उन्होंने अपूर्वा सागोधररगल, सती लीलावती, एक्स, मगलीर मट्टुम, कधाला कधाला और वसूल राजा एमबीबीएस में कॉमिक सीन्स किए हैं. क्रेजी मोहन के अंतिम समय में कमल हासन भी उनके साथ थे. उन्होंने बताया कि अंतिम क्षणों में मोहन ने खुले तौर पर यह घोषणा करते हुए अपना प्रेम दिखाया कि उन्हें चारुहासन और चंद्रहासन के जैसे ही मोहनसन के नाम से पुकारा जा सकता है.क्रेजी थिव्स मोहन के करियर का टर्निंग पॉइंट
क्रेजी मोहन का जन्म 1952 में हुआ था. क्रेजी थिव्स में उनके साथ काम करने वाले थिएटर पर्सनैलिटी एस.वी शेखर ने बताया कि वे दोनों माइलापोर से हैं. वे एक अच्छे इंसन होने के अलावा अच्छे आर्टिस्ट भी थे. क्रेजी थिव्स नाटक मोहन के करियर का टर्निंग पॉइंट था. इस नाटक ने उनके करियर के बाकी हिस्सों के लिए टोन सेट कर दिया था. क्रेजी मोहन ने अपने भाई बालाजी के साथ मिलकर इसी टोन में कई नाटक लिखे.
मोहन ने 1970 में गिण्डि के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी की थी. लेकिन उनका मन इंजीनियरिंग में कम और ड्रामा, थिएटर में ज्यादा था. उन्होंने 1979 में अपना ही एक ड्रामा ट्रूप 'क्रेजी क्रिएशंस' शुरू कर दिया था.
जाने माने कॉमेडी स्क्रिप्ट राइटर चित्रलया गोपू ने कहा कि क्रेजी द्वारा निभाए गए रोल बिना किसी को दुख पहुंचाए भी हंसाते थे. एक्ट्रेस रोहिनी ने कहा कि क्रेजी डबल मिनिंग वाले डायलॉग्स को बहुत ही सावधानी से अलग कर देते थे. वे बहुत ही बुद्धिमानी से डायलॉग्स में बदलाव कर उन्हें क्लासी बना देते थे.