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नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद कैसा था पहला रिएक्शन? विक्की कौशल ने बताया

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के मुंबई एडिशन में सुशांत मेहता के साथ बातचीत के दौरान बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल ने बताया कि नेशवल अवॉर्ड जीतने के बाद उनका पहला रिएक्शन कैसा था.

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विक्की कौशल
विक्की कौशल

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के मुंबई एडिशन में जर्नलिस्ट सुशांत मेहता के साथ बातचीत के दौरान बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल ने बताया कि नेशवल अवॉर्ड जीतने के बाद उनका पहला रिएक्शन कैसा था. विक्की कौशल से जब पूछा गया कि क्या उन्हें इस बारे में कोई भी अंदाजा था कि वह भी नेशनल अवॉर्ड जीतने वालों की लिस्ट में हैं? तो जवाब में विक्की ने कहा कि उन्हें बिलकुल भी अंदाजा नहीं था. उन दिनों वह बिलकुल रिलैक्स होकर अपनी अगली फिल्मों के लिए स्क्रीन टेस्ट दे रहे थे.

विक्की कौशल सेशन "द आर्ट एंड द मैन: वॉट गिव मी जोश इन बॉलीवुड" में सुशांत के साथ बात कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उन्हें याद है कि वो उस लाइव कॉन्फ्रेंस को देख रहे थे जब नेशनल अवॉर्ड्स की घोषणा की जा रही थी. उन्होंने बताया कि उनका नाम लिए जाने से पहले उरी को तीन नेशनल अवॉर्ड और मिले थे. उरी के लिए किए जाने वाले हर नए अवॉर्ड की घोषणा के साथ वह खुशी से उछलने लगते थे.

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विक्की ने बताया, "इसके बाद जब मेरा नाम लिया गया तो मैं हैरान होकर फ्रीज हो गया." विक्की ने बताया कि उनकी अपकमिंग फिल्म के लिए उन्हें शूट करना था और प्रॉस्थैटिक्स लगाने के लिए यूएस से टीम आई थी. उन्होंने बताया कि उनके पूरे चेहरे, सिर और कानों पर प्रॉस्थैटिक लगाया गया था. वह न तो सुन पा रहे थे और ना कुछ भी बोल पा रहे थे. उन्होंने कहा, "मैं 4 घंटे तक बुत की तरह बैठा रहा और ये वो मौका था जब मैं पूरी दुनिया के साथ मस्ती से झूमना चाहता था कि मैंने नेशनल अवॉर्ड जीता है." इसके बाद उन्होंने अपने को-विनर आयुष्मान और करीब‍ियों को फोन कॉल किया और बधाइयां देकर मैं वहीं बैठा रहा. विक्की ने अपनी शुरुआत को याद करते हुए बताया कि वह जानते थे कि कोई भी उन्हें लॉन्च करने के लिए तैयार नहीं बैठा हुआ है. लेकिन मां की बात याद थी कि खुद पर यकीन रखो.

उन्होंन कहा कि जब वह इंडस्ट्री में आए तो वह सारी चीजों के लिए तैयार थे. उन्होंने कहा कि वह जब इस सब में उतरे थे तो उन्होंने एक के बाद एक कई इंटरव्यू दिए थे. उन्होंने फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री, वेब सीरीज और सभी के लिए ऑडि‍शन दिए और एक रोज जब वह थककर बैठे थे तब उनकी मां ने उन्हें समझाया कि वह हर चीज को सकारात्मक नजरिए के साथ देखना शुरू करें और ये मान कर चलें कि सब हो जाएगा.

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