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ब्रह्म राक्षस का ही रूप है विक्रम भट्ट का क्रीचर

विक्रम भट्ट ने ‘क्रीचर 3डी’ के क्रीचर को केमिकल रिएक्शन का नतीजा न कहकर मायथोलॉजी से प्रेरित बताया है. मायथोलॉजी से प्रेरित यह क्रीचर कुछ और नहीं बल्कि ‘चंडी पाठ’ तथा ‘दुर्गा सप्तशती’ सहित हमारे वैदिक ग्रंथों में पाए जाने वाले ब्रह्म राक्षस का ही एक रूप है

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विक्रम भट्ट ने ‘क्रीचर 3डी’ के क्रीचर को केमिकल रिएक्शन का नतीजा न कहकर मायथोलॉजी से प्रेरित बताया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मायथोलॉजी से प्रेरित यह क्रीचर कुछ और नहीं बल्कि ‘चंडी पाठ’ तथा ‘दुर्गा सप्तशती’ सहित हमारे वैदिक ग्रंथों में पाए जाने वाले ब्रह्म राक्षस का ही एक रूप है. ब्रह्म राक्षस का अर्थ है जिसमे देवता के साथ राक्षसी गुण भी हों. यह भी कह सकते हैं कि राक्षसी गुणों वाला देवता या एक ऐसा देवता जो राक्षसी गुणों वाला  है. 

प्राचीन कथाओं के अनुसार ब्रह्म राक्षस की एक खासियत यह भी होती है कि वह जब चाहे बिल्ली, कुत्ते या पक्षियों जैसे जानवर में तब्दील हो सकते हैं. विक्रम ने प्राचीन कथाओं के साथ दक्षिण भारत के मंदिरों का दौरा कर ब्रह्म राक्षस को एक पशु का स्वरूप दिया जिसे नाम मिला ‘क्रीचर’. इस पर विक्रम भट्ट कहते हैं, हमने अपनी कलात्मकता के जरिए इस क्रीचर का निर्माण किया. मेरा यह क्रीचर ब्रह्म राक्षस का एक स्वरूप है जिसे आप भारतीय किस्से कहानियों में भी देख चुके हैं. उदाहरण के तौर पर....विक्रम और बेताल ही ले लीजिए.

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