भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत पर आधारित फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' ने दर्शकों को एक अलग ही अनुभव दिया. 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर फिल्म के टीवी पर हुए प्रीमियर को लेकर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने अपनी खुशी जताई. वहीं ऑस्कर्स में जोया अख्तर की फिल्म गली बॉय के नॉमिनेशन को लेकर भी विवेक ने अपनी राय रखी.
एक इंटरव्यू के दौरान विवेक ने कहा, "मैं खुश हूं कि पहली बार भारत के इतिहास में गांधीजी पर बनी फिल्मों के अलावा भी किसी दूसरी फिल्म (ताशकंद फाइल्स) का प्रीमियर टेलीविजन पर हुआ. इस फिल्म को देखकर नई जेनरेशन कई सारे अनक्लीयर फैक्ट्स से रुबरू हो पाएगी. शास्त्री जी पर बनी यह फिल्म यूथ को जरूर देखनी चाहिए. उन्हें पता चलेगा कि शास्त्री जी किस तरह का भारत चाहते थे."
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इस वजह से विवेक ने बनाई ताशकंद फाइल्स
इस फिल्म को बनाने की प्रेरणा को लेकर विवेक ने आगे बताया, "मैं एक ऐसा सब्जेक्ट चाहता था जो आज तक किसी ने नहीं छुआ हो. और, यह एक ऐसा टॉपिक था जिसे बहुत सारे कॉट्रोवर्सी के कारण किसी ने एक्सप्लोर नहीं किया था. जब देश की सरकार किसी चीज में इनवॉल्व रहती है तो कोई भी फिल्म निर्माता उसपर फिल्म नहीं बनाना चाहता. मुझे इस फिल्म को बनाने में चार साल लग गए. हमने आरटीआई फाइल किया, CIA, KGB और बहुत सारी पार्लियामेंट्रियन रिकॉर्ड्स चेक किए. मैं एक सच्ची फिल्म बनाना चाहता था."
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वहीं ऑस्कर में एंट्री को लेकर विवेक को लगता है कि ऑस्कर्स में जोया अख्तर की फिल्म गली बॉय नहीं बल्कि ताशकंद फाइल्स को होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "यह फिल्म (ताशकंद फाइल्स) टॉप रनर्स में होना डिजर्व करती है लेकिन पॉलिटिक्स के कारण यह नहीं हो पाया. "
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क्या है विवेक अग्निहोत्री के अपकमिंग प्रोजेक्ट?
विवेक ने अपनी अपकमिंग फिल्म के बारे में बताते हुए कहा, "द कश्मीर फाइल्स, 1989-90 में मिलिटेंसी की वजह से कश्मीर घाटी से भारी संख्या में हुए कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है. मैं एक वेब-सीरीज पर भी काम कर रहा हूं, जो कि सुप्रीम कोर्ट के कंट्रोवर्सियल केसेज पर है. इसके अलावा मैं 'इंडिया फॉर सेल' नाम की एक किताब भी लिख रहा हूं."