लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत से देशभर में खुशी का माहौल है. नामचीन हस्तियों से लेकर आम नागरिक, सभी मोदी को बधाइयां दे रहे हैं. एक्टर विवेक ओबेरॉय की भी खुशी का ठिकाना नहीं है. विवेक की खुशी दोगुनी है क्योंकि 23 मई को भारी मतों से बीजेपी के जीतने के ठीक एक दिन बाद यानी 24 मई को "पीएम नरेंद्र मोदी" सिनेमाघरों में रिलीज की गई.
मगर कहीं ना कहीं विवेक को इस बात का मलाल भी है कि मोदी बायोपिक की रिलीज डेट को चुनाव आयोग ने लगातार शिफ्ट किया. जिसकी वजह से फिल्म को काफी नुकसान भी हो रहा है. विवेक ओबेरॉय ने एक इंटरव्यू में अपना दुख व्यक्त किया.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में विवेक ओबेरॉय ने कहा- ''नरेंद्र मोदी बायोपिक की रिलीज डेट का टलना मेरे लिए सबसे बुरा अनुभव रहा. फिल्म के प्रिंट्स दुनियाभर में बांटे जा चुके थे. हम फिल्म, 11 अप्रैल को रिलीज करने वाले थे. मगर रिलीज के ठीक एक दिन पहले हमें चुनाव आयोग से नोटिस मिला. हमारे खिलाफ कड़ा फैसला लिया गया."
विवेक ने कहा, "ये बेहद दुखद था. सभी ने फिल्म के लिए काफी मेहनत की थी. मगर फिल्म के रिलीज ना होने की वजह से सभी का मनोबल गिर गया.''
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एक फिल्ममेकर के तौर पर भी ये किसी के लिए बहुत कष्टदायी है. ऐसे कैसे किसी के पास इतने राइट्स हो सकते हैं कि वो आपको फिल्म की रिलीज के एक दिन पहले बर्बाद कर दे. हमने हाईकोर्ट में जाकर अपने हक की लड़ाई लड़ी. उन्होंने अंतिम समय पर आकर हमपे अटैक किया. विवेक ने बताया, "फिल्म के प्रमोशन के दौरान और थियेटर के टिकट बुकिंग में करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ. हमने हर तहर से खर्चे किए. मगर उनका कोई फायदा नहीं हुआ. ये बेहद दुखद था. मैं खर्च हुए पैसों की भरपाई के लिए कहां जाऊं. मैंने 3 हजार मेहमानों को इनवाइट किया था."
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इससे पहले मोदी बायोपिक के निर्माता संदीप सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था, ''मैं फिल्म के समय पर रिलीज ना होने की वजह से काफी दुखी हुआ था. अब मैं खुश हूं, आखिरकार फिल्म रिलीज होने जा रही है. पहले फिल्म अप्रैल में रिलीज होने वाली थी. मुझे फिल्म की रिलीज के एक दिन पहले ही एलेक्शन कमिशनर की तरफ से नोटिस मिली. ये मेरे जीवन के दुखद क्षण थे. क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मेरे ऊपर क्या बीती होगी जब 3000 लोग और समोसे मुझे घूरते हुए देख रहे थे.''