पिछले कुछ दिनों से कंगना रनोट एक टॉक शो में दिए अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं. उन्होंने शो में रितिक रोशन और आदित्य पंचोली संग अपने रिलेशनशिप के बारे में बताया और इसके साथ ही इस इंडस्ट्री की पोल भी खोली.
कंगना ने शो के दौरान बताया कि 2014 में मेरा और रितिक का ब्रेकअप हो गया था. फरवरी में रितिक मनाली में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. वहां उनकी फिल्म की हीरोइन के साथ अफेयर की खबरें उड़ी. मैंने वैलेन्टाइन के दिन रितिक को फोन किया और कहा कि आपने मुझे फोन नहीं किया, कुछ नहीं? तो मुझे कहता है, फोन किस बात का? मैंने कहा, वैलेन्टाइन है. तो कहता है, तुमको क्यों करूंगा फोन? मैंने कहा, मुझको क्यों नहीं करोगे फोन? क्योंकि मैं तो तुमसे शादी करने वाली हूं. तो कहते हैं, शादी-वादी तो तुम भूल जाओ, तुमने किस-किस को बताया है कि तुम्हारा और मेरा कुछ चल रहा है?
रिलेशनशिप्स के बहाने फिल्म का प्रचार कर रही हैं कंगना, छिड़ी बहस
आपको बता दें कि रितिक उस समय कटरीना कैफ के साथ फिल्म 'बैंग बैंग' की शूटिंग कर रहे थे और कंगना का इशारा कटरीना की तरफ ही था. रितिक-कटरीना ने मनाली के जिस ब्रिज पर शूटिंग की थी, उसका नाम 'बैंग बैंग' ब्रिज रखा गया है.
कंगना के अहम खुलासे
कंगना ने बताया कि उनका और आदित्य पंचोली का रिश्ता 3 साल तक चला था. आदित्य उन्हें मारते थे. उनके पास कंगना के घर की चाबी भी थी. उनसे बचने के लिए वह घर से भागकर होटल में रहने चली गई थीं. लेकिन आदित्य वहां भी आ गए. ऐसे में अनुराग बसु ने उनकी मदद की थी. अनुराग ने 15 दिन तक उन्हें अपने ऑफिस में रखा था. इसके बाद कंगना ने पुलिस की मदद ली थी.
कंगना के पांच बयान: करण जौहर से रितिक तक, किसी को नहीं छोड़ा
फिल्म क्रेडिट के मसले पर भी उन्होंने कई बातें सामने रखी. कंगना की मानें, तो रानी लक्ष्मी बाई केतन मेहता का आइडिया ही नहीं है. वो पब्लिक डोमेन में है. बाहुबली के लेखक ने प्रसून जोशी के साथ मिलकर लक्ष्मी बाई की स्क्रिप्ट लिखी है. कंगना का कहना है कि जब केतन ने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई थी, तो उन्होंने कहा था, 'मां की कसम खाती हूं कि ये बहुत ही बकवास स्क्रिप्ट है.' कंगना का कहना है, 'मुझे को-डायरेक्टर नहीं बनना था. मैंने कभी भी केतन को नहीं कहा कि मैं को-डायरेक्ट करुंगी. केतन ने ने मेरे दो साल बर्बाद किए और साइनिंग अमाउंट नहीं दिया.'
अवॉर्ड्स देने वाले फ्रॉड हैं
अवॉर्ड्स के मामले में कंगना का कहना है अवॉर्ड्स देने वाले एक नंबर के फ्रॉड हैं. यहां ग्रुपिज्म होता है. ऑर्गेनाइजर को पैसा मिलता है. वो फ्री में डांस करा लेता है. फेवरेटिज्म चलता है. नेशनल अवॉर्ड्स के सवाल पर कंगना का कहना है कि वह नेशनल अवॉर्ड्स को ही मानती हैं. वहां टीआरपी का कोई चक्कर नहीं होता. ऑस्कर का उन्हें कोई क्रेज नहीं है. उनके लिए देश का पुरस्कार सबसे बड़ा है.