Kader Khan Unforgettable Journey From Kabul To Mumbai बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार कादर खान का कनाडा के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था, इस बात का जिक्र कई बार उनकी चर्चा के साथ आता है. लेकिन काबुल में जन्मा शख्स हिंदुस्तान कैसे आया इस सवाल पर बहुत कुछ लोगों को नहीं मालूम है. इस सवाल के पीछे की एक दिलचस्प कहानी है जिसे एक्टर ने खुद एक इंटरव्यू में सुनाई थी.
कादर खान ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में बताया था वो और उनका परिवार कैसे काबुल से मुंबई आए. उन्होंने कहा था, "मैं काबुल का हूं, लेकिन कैसे आया ये कम लोग जानते हैं. मैं पठान खानदान से हूं. मेरा परिवार काबुल में रहा, मुझसे पहले मां के तीन बेटे हुए, लेकिन तीनों की मौत तकरीबन 8 साल की उम्र तक आते आते हो गई."
"उसके बाद चौथे नंबर पर मेरी पैदाइश हुई. मेरे जन्म के बाद मेरी मां ने मेरे वालिद से कहा कि ये सरजमीं मेरे बच्चों को रास नहीं आ रही है. मां ने मेरे वालिद को फोर्स किया और हमारा परिवार हिंदुस्तान, मुंबई आ गया."
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इसी इंटरव्यू में कादर खान ने बताया था, "यहां आने के बाद परिवार के पास ज्यादा पैसे तो थे नहीं. इस वजह से मुंबई की सबसे गंदे स्लम कमाटीपुरा में परिवार को रहना पड़ा. जिंदगी काफी तंगहाली से गुजरी. इस तंगहाली का असर मेरे मां-बाप पर हुआ. उन दोनों के बीच तलाक हो गया."
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"यही मेरी जिंदगी का पहला झटका था. इसके बाद मैं अपनी मां के साथ उस स्लम एरिया में रहने लगा... ये देखकर मेरी मां के परिवार वालों ने उनकी दूसरी शादी करा दी. उन्हें लगा कि शादी के बाद मेरा और मां दोनों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा. पर ऐसा हुआ नहीं."
END OF AN ERA! The legend walks away.
REST IN PEACE! #KaderKhan Shaab 🙏 pic.twitter.com/3xDc1fVjYx
— Captain ²•⁰🔱 (@CaptainAkkians) January 1, 2019
इंटरव्यू में कादर खान ने बताया था, "जब मैं बड़ा हुआ तो घर के हालात देखकर लगता कोई नौकरी कर लूं. अपने घर के पास लोगों को फैक्टरी में 3 रुपये दिन के हिसाब से काम करता देखता तो लगता यहीं कर लेता हूं. एक दिन नौकरी करने निकला, लेकिन पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और रोका. मैं पीछे मुड़ा तो देखा मेरी मां खड़ी थीं."
"उन्होंने मुझे कहा, आज अगर तुम फैक्टरी में काम करने गए तो हमेशा ये 3 रुपया वहीं का वहीं रहेगा. तुम घर की गरीबी हटाना चाहते हो तो बस एक रास्ता है कलम. मां की कही वो बात मेरे अंदर इस तरह घर कर गई कि मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की. यहां तक कि सिविल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन तक किया. कॉलेज में प्रोफेसर हो गया तो ड्रामा भी लिखने लगा. ड्रामा इस तरह मशहूर हुए कि दूसरे कॉलेज से लोग मेरे ऑटोग्राफ लेने आते."
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कादर खान ने बताया था, "मुझे शोहरत कम उम्र में ही मिल गई थी. सबसे पहला मेरा ड्रामा था लोकल ट्रेन. जो ऑल इंडिया ड्रामा कॉम्पटीशन में शामिल हुआ. उसे सारे अवॉर्ड, बेस्ट डायरेक्ट, एक्टर, राइटर मिले. इस ड्रामा के लिए मुझे 1500 रुपये ईनाम राशि मिली. सच कहूं तो जिंदगी में पहली बार 1500 रुपये एक साथ तब देखे थे. इसी प्ले को देखने बॉलीवुड के कई दिग्गज पहुंचे और मुझे फिल्म जवानी-दीवानी में काम मिल गया."
Mere pasandida abhineta aur lekhak Kadar Khan ji ke nidhan ki vaarta sunke mujhe bahut dukh hua.hamari film Industry ne ek bahut accha kalakar aur lekhak kho diya. Meri unko vinamra shraddhanjali.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 1, 2019
R I P. Kadar bhai Khan sahab! Bahut lamba rishta tha aapka hum sab Kapoors ke saath. Bahut kaam kiya bahut seekha aapse. Jannat Naseeb ho aapko. Ameen.
— Rishi Kapoor (@chintskap) January 1, 2019
कादर खान ने इसके बाद कभी जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा. बेशक वो दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन उनका काम हमेशा याद किया जाएगा. कादर खान के ऋषि कपूर के परिवार से भी गहरा रिश्ता रहा. उनकी मौत पर एक्टर को याद करते हुए ऋषि कपूर ने श्रद्धांजलि भी दी.