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बॉलीवुड की परंपरा को तोड़ेंगे आयुष्मान?

बॉलीवुड के अधिकतर स्टार बच्चे अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान-ए-जंग में हैं और बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे है, ऐसे में आयुष्मान खुराना मेहनत के दम पर आगे बढ़ने की जुगत में लगे हैं.

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आयुष्मान खुराना बॉलीवुड में ऐसा नाम हैं, जो अच्छे सिंगर हैं, ऐक्टर हैं और होस्ट भी हैं. उन्होंने एकदम नीचे से शुरुआत करते हुए बॉलीवुड में एक मुकाम हासिल कर लिया है. खासकर उस समय में जब बॉलीवुड के अधिकतर स्टार बच्चे अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान-ए-जंग में हैं और बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं. बेशक उनकी ‘नौटंकी साला’ को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे लेकिन फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 13.25 करोड़ रु. की कमाई करके सारी आशंकाओं को अभी तक झूठा सिद्ध किया है. फिल्म ने शुक्रवार को 3.50 करोड़ रु. कमाए जबकि शनिवार को 4.50 करोड़ रु. और रविवार को 5.25 करोड़ रु. की कमाई की.

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‘नौटंकी साला’ की बॉक्स ऑफिस कमाई पर फिल्म विश्लेषक तरण आदर्श कहते हैं, ‘वीकेंड में फिल्म में जबरदस्त उछाल आया था. शहरी इलाकों में बिजनेस बहुत बेहतरीन रहा है. ओपनिंग वीकेंड में फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 13.25 करोड़ रु. कमाए हैं.’ आयुष्मान की यह दूसरी फिल्म है. उनकी पहली फिल्म ‘विकी डोनर’ की पहली दिन की कमाई 1.88 करोड़ रु. थी. फिल्म के निर्माता उम्मीद कर रहे हैं कि यह फिल्म भी ‘विकी डोनर’ की तरह हिट रहेगी. वहीं, आयुष्मान फिल्म को मिल रहे रिस्पांस से काफी खुश हैं. उन्होंने ट्वीट किया था, ‘खूब सारी वाह-वाही और थोड़ी आलोचना. आपका फीडबैक पसंद आया.’ 28 वर्षीय आयुष्मान के पास अभी यशराज फिल्म्स का एक प्रोजेक्ट है और वे ‘हमारा बजाज’ फिल्म में भी हैं.

अगर हम अतीत पर नजर दौड़ाएं तो आम तौर पर बॉलीवुड में ऐसा बहुत कम कलाकारों के साथ हुआ है जिनकी दूसरी फिल्म पहली फिल्म की तरह कामयाब रही हो. इसके बेहतरीन उदाहरण शाहरुख खान, आमिर खान, ऋतिक रोशन और अक्षय कुमार जैसे सितारे हैं. भले ही आज इनका नाम 100 करोड क्लब में शामिल हो गया हो लेकिन अतीत में इन्हें असफलता का दामन थामना पड़ा था. न ही शाहरुख खान अपनी पहली फिल्म ‘दीवाना’ की शानदार सफलता को अपनी दूसरी फिल्म ‘चमत्कार’ के साथ दोहरा पाये और न ही युवा दिलों की मोहब्बत को अपनी पहली फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में जीवित कर रातों रात सफलता की बुलंदी पानेवाले आमिर खान अपनी दूसरी फिल्म ‘लव लव लव’ के साथ दोबारा प्यार की परिभाषा रच पाए. ‘कहो ना प्यार है’ के साथ युवा दिलों पर छानेवाले ऋतिक रोशन भी ‘फिज़ा’ में कुछ कमाल नहीं कर पाए और न ही खिलाडी अक्षय कुमार ‘सौगन्ध’ के बाद ‘मिस्टर बॉन्ड’ न बन सके. क्या ‘नौटंकी साला’ बॉलीवुड की इस पुरानी परंपरा को तोड़ने जा रही है?

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