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वर्तमान भारत में आम आदमी की दास्तान है जेड प्लस

पिंजर जैसी सार्थक फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी फिर से एक विषय आधारित फिल्म लेकर आए हैं. जेड प्लस एक पॉलिटिकल सटायर है और आम आदमी को लेकर रची गई कॉमेडी है.

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फिल्म 'जेड प्लस' का एक सीन
फिल्म 'जेड प्लस' का एक सीन

पिंजर जैसी सार्थक फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी फिर से एक विषय आधारित फिल्म लेकर आए हैं. जेड प्लस एक पॉलिटिकल सटायर है और आम आदमी को लेकर रची गई कॉमेडी है.

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फिल्म की कहानी राजस्थान के एक छोटे से गांव की है. जिसमें एक आम आदमी को जेड प्लस सिक्योरिटी मिल जाती है तो क्या होता है. फिल्म में असलम पंक्चरवाला का किरदार आदिल हुसैन निभा रहे हैं. फिल्म में उनके साथ मोना सिंह, कुलभूषण खरबंदा, संजय मिश्रा और मुकेश तिवारी भी हैं.

फिल्म के बारे में डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी बताते हैं, 'चाणक्य से लेकर जेड प्लस तक के मेरे काम में आपको राष्ट्र और राष्ट्रीय सरोकार जैसी बात ही सामान्य नजर आएगी. चाणक्य एक राष्ट्र निर्माण की महागाथा थी, पिंजर एक राष्ट्र के बंटवारे की त्रासदी की कहानी थी जबकि मोहल्ला अस्सी बदलते राष्ट्र की कहानी है, उसी तरह जेड प्लस मौजूदा भारत में आम आदमी की दास्तान है.'

100 करोड़ रु. के दौर में जब फिल्मों में कहानी गौण होती जा रही है, ऐसे दौर में डॉ. चंद्रप्रकाश एक सार्थक कहानी के साथ दस्तक दे रहे हैं. फिल्म 21 नवंबर को रिलीज हो रही है.

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