भोजपुरी में बनने जा रही फिल्म 'जिला गोरखपुर' विवाद की वजह से रद्द कर दी गई है. कथित तौर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गलत तरीके से चित्रित करने के आरोप और पुलिस में शिकायतें दर्ज होने के बाद फिल्म के निर्देशक ने प्रोजेक्ट को बंद करने की घोषणा कर दी है. पूरे मामले पर आज तक से ख़ास बातचीत में उन्होंने सफाई देते हुए कहा- "फिल्म को लेकर बिना वजह दुष्प्रचार किया गया."
विनोद तिवारी ने कहा, "मेरी फिल्म 'जिला गोरखपुर' की घोषणा के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं जिनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन इन कयासों और दुष्प्रचारों से जन साधारण की भावनाएं अवश्य आहत हो रही हैं." उन्होंने कहा, "चूंकि मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है. देश तथा समाज के हित में इस फ़िल्म प्रोजेक्ट को मैं बंद करने जा रहा हूं."
निर्देशक के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने दर्ज की शिकायत
पोस्टर आने के बाद बीजेपी के नेताओं ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसी छवि के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई. इसे लेकर अलग-अलग शिकायतें दर्ज हुईं. पार्टी के नेता आईपी सिंह ने इसके खिलाफ गोमती नगर थाने में केस भी दर्ज करा दिया है. इस मामले में मेरठ में बीजेपी विधायक सोमेंद्र तोमर ने पुलिस अधीक्षक को एक तहरीर दी है. आईपी सिंह ने आरोप लगाया कि फिल्म के बहाने समाज में नफरत और विद्वेष फैलाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही योगी आदित्यनाथ को कहीं ना कहीं निशाना बनाने की परोक्ष रूप से कोशिश हुई है. इसमें न सिर्फ तस्वीरें अपमानजनक हैं बल्कि फिल्म के डायलॉग भी अपमानित करने वाले हो सकते हैं.
पोस्टर में क्या था ?
पोस्टर में एक व्यक्ति को भगवा कपड़े पहने और हाथ में रिवाॅल्वर लिए खड़े दिखाया गया है. पास ही एक गाय भी है, सामने मंदिर है. इस पोस्टर के रिलीज होते ही विवाद शुरू हो गया.
भगवा आतंकवाद और मॉब लिंचिंग पर थी फिल्म
इससे पहले फिल्म के निर्देशक विनोद तिवारी ने ट्वीट में फिल्म की जानकारी दी थी कि ये भगवा आतंकवाद और मॉब लिंचिंग पर आधारित होगी. शिकायत के बाद पुलिस फिल्म के विनोद तिवारी की कुंडली खंगाल रही है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि विनोद तिवारी कौन हैं और फिल्मों को लेकर इनका क्या इतिहास रहा है. जानकारी के मुताबिक विनोद तिवारी ने इससे पहले 'तबादला' नाम की एक फिल्म बनाई थी. ये एक फ्लॉप फिल्म थी.