दिव्या अग्रवाल ने बिग बॉस ओटीटी के विनर का खिताब अपने नाम करके सच में ये साबित कर दिया है कि वो एक रियलिटी शो क्वीन हैं. शो में तो दिव्या को कई बार अपनी और गेम की तारीफ करते हुए देखा गया है, लेकिन कनेक्शन के शो में बिना कनेक्शन सर्वाइव करके ट्रॉफी जीतकर दिव्या ने सबको दिखा दिया है कि उन्हें गेम खेलना बखूबी आता है और उन्हें पता है कि यलिटी शोज में किस स्ट्रैटिजी को अपनाकर गेम में आगे बढ़ा जाता है.
दिव्या की बिग बॉस ओटीटी की जर्नी की बात करें तो शो में उनका सफर बाकी कंटेस्टेंट्स के कंपेरिजन में काफी अलग रहा है. जहां बाकी कंटेस्टेंट्स एक दूसरे का साथ देकर गेम में आगे बढ़ते हुए नजर आए थे, तो वहीं दिव्या एक अकेली ऐसी कंटेस्टेंट थी, जो अकेली ही अपनी जंग लड़ती गईं. दिव्या को शो में ना तो कोई कनेक्शन मिला और ना ही कोई सच्चा दोस्त.
दिव्या ने जब अक्षरा और मिलिंद गाबा से दोस्ती की तो वो दोनों ही शो से बाहर हो गए और दिव्या एक बार फिर अकेली हो गईं. अपने दोस्तों के आउट होने के बाद दिव्या ने निशांत भट्ट और राकेश बापट से भी दोस्ती करने का ट्राई किया, लेकिन वो दोनों भी कभी उन्हें सपोर्ट नहीं कर पाए. ऐसे में दिव्या को अकेले ही अपने दम पर गेम खेल पड़ा.
होस्ट करण जौहर से भी हुई तू-तू, मैं-मैं
दिव्या अग्रवाल पूरे सीजन करण जौहर के निशाने पर रही हैं. करण वीकेंड एपिसोड में कई बार दिव्या को लताड़ते हुए देखे गए थे. दिव्या भी कई बार करण जौहर से बहस करती हुई नजर आईं. इतनी कॉम्प्लीकेशन्स के बीच शो जीतना अपने आप में ही एक बड़ी बात है.
कनेक्शन के शो में पहले तो बिना कनेक्शन रहना, फिर किसी दोस्त का साथ ना मिलने पर भी दिव्या अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटीं. करण जौहर संग हुई बहस के बाद भी दिव्या ने खुद को संभाला. हालांकि, बीच में दिव्या का गेम काफी कमजोर हो गया था, लेकिन वो इस बात को लेकर सबसे ज्यादा कॉन्फिडेंट थीं कि वो शो जीतने आई हैं.
बिग बॉस शो में ऐसा कम ही देखने को मिला है, जब होस्ट संग लड़ाई के बाद किसी ने शो जीता हो. बिग बॉस में सलमान खान से जिसने भी पंगा लिया वो शो जीतना तो दूर गेम में आगे भी बढ़ नहीं पाया. लेकिन बिग बॉस ओटीटी में इसके बिल्कुल अपोजिट देखने को मिला है. इस शो में दिव्या अग्रवाल ही सबसे ज्यादा शो के होस्ट करण जौहर के निशाने पर रहीं. ऐसे में दिव्या का जीतना एक बड़ी बात है.
दिव्या की जीत की एक बड़ी वजह यह भी है कि शो में जहां अपने कनेक्शन संग भावनाओं में बहकर कई कंटेस्टेंट्स ने शो में आगे बढ़ने का लक्ष्य ही खो दिया, तो वहीं दिव्या ट्रॉफी जीतने के लिए डटी रहीं. शो जीतने के लिए दिव्या ने कई स्ट्रैटिजी अपनाईं. उन्होंने अपनी आवाज को हमेशा बुलंद रखा. हर मुद्दे पर अपनी राय रखी. टास्क में फुल डेडीकेशन के साथ परफॉर्म किया और कभी किसी को खुद पर हावी नहीं होने दिया. दिव्या के इसी डेडीकेशन और जीतने की चाह ने आज उन्हें शो का विनर बना दिया है.