भारतीय सिनेमा के आइकॉन अमिताभ बच्चन का मानना है कि देशवासियों को जाति, धर्म, सम्प्रदाय तथा रंग के आधार पर भेदभाव से ऊपर उठने की जरूरत है. साथ ही उनका यह भी कहना है कि कोई भी आदमी 'छोटा या सामान्य' नहीं होता.
समूह चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने अपने पिता तथा मां से जो सीखा, उनमें से एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें जाति, धर्म, सम्प्रदाय और रंग से ऊपर उठकर सोचना चाहिए.
यह सीख उन्हें अपने कवि पिता दिवंगत हरिवंश राय बच्चन तथा तेजी बच्चन से मिलीऋ 69 वर्षीय अमिताभ ने कहा कि मेरे माता-पिता सम्भवत: सबसे अच्छे उदाहरण हैं. मेरे पिता उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद से थे, जबकि मां पंजाब के सिख परिवार से थीं. उनका अंतर्जातीय विवाह हुआ था, जो उस समय आम नहीं था लेकिन मेरे माता-पिता अपने फैसले को लेकर दृढ़ थे और सोच के साथ उन्होंने जिंदगी जी.
उन्होंने कहा कि वह आज भी उसी सीख के साथ जी रहे हैं. अमिताभ ने कहा कि हमने कभी किसी समुदाय को कम या ज्यादा नहीं समझा. मेरे दफ्तर और घरेलू कर्मचारियों में सभी समुदायों के लोग काम करते हैं. हमने उनके साथ कभी कोई भेदभाव नहीं किया.
अमिताभ अपनी यह सीख टेलीविजन के रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) के छठे संस्करण के माध्यम से सभी से साझा करने की कोशिश करने जा रहे हैं, जिसका प्रसारण सात सितम्बर से शुरू होने वाला है. केबीसी के पिछले संस्करण में इसका सूत्र वाक्य था, 'कोई इंसान छोटा नहीं होता'. इस बार इसका सूत्र वाक्य है, 'ज्ञान ही आपको आपका हक दिलाता है.'
अमिताभ ने कहा कि कोई भी छोटा नहीं होता. हर इंसान में विशेषता होती है. कोई भी व्यक्ति छोटा या सामान्य नहीं होता. कोई व्यक्ति छोटे शहर का हो सकता है. इन दिनों कई लोग ऐसे स्थानों से आ रहे हैं, जिसके बारे में हमने सुना नहीं होता है, लेकिन वे विभिन्न क्षेत्रों में देश का नाम रौशन कर रहे हैं. इसलिए किसी को छोटा न बुलाएं.