क्राइम को सुलझाने के अलावा, सबसे लंबा चलने वाले हिट शो CID में से एक डायलाग जो दया और एसीपी प्रद्युमन के साथ जुड़ा हुआ था वो था. "दया कुछ तो गड़बड़ है" ये डायलाग सभी दर्शकों के बीच इतना पॉपुलर हुआ कि आज सभी जानते हैं. आपको बता दें हाल ही में यह पता चला है कि ये डायलाग शो सीआईडी में आया कैसे?
हिंदुस्तान टाइम्स को दिया इंटरव्यू
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए शिवाजी साटम उर्फ़ एसीपी प्रद्युम्न ने इस बात का खुलासा किया कि आखिर कैसे ये डायलाग शो के अंदर आया और इतना पॉपुलर हो गया. उन्होंने बताया ये डायलाग शो में प्लान के मुताबिक नहीं रखा गया था बल्कि एक बार वे शो के क्रिएटर से कुछ डिसकस कर रहे थे, तभी उनके क्रिएटर को उनके हाथ चलाने का तरीका काफी पसंद आया और क्रिएटर ने शिवाजी को ये करैक्टर प्ले करने की लिए बोला.
शिवाजी ने सुनाया डायलाग के पीछे का किस्सा
उन्होंने बताया कि एक दिन मैं शो के क्रिएटर से बात कर रहा था और वे मुझे लगातार देख रहे थे. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या हुआ? तब उन्होंने मुझसे कहा, "जिस तरह से तू समझा रहा था अभी, जो तू हाथ से करके बता रहा था ये ही मुझे चाहिए करेगा तू ये? इसको तू ACP के करैक्टर में ला सकता है क्या? फिर इसके बाद से ही शिवाजी ने शो में ये डायलाग इम्प्लीमेंट किया और आज ये लाइन सभी के मुंह पर है.
उसी के बारे में बात करते हुए, शिवाजी ने कहा, “सीआईडी कभी भी एक रियलिटी शो या डॉक्यूड्रामा नहीं था. यह एक कल्पना थी. आपको अपना एपिसोड एक घंटे या 45 मिनट में पूरा करना होता है, तो कहीं न कहीं आपको भी एपिसोड के बीच में जंप लेना पड़ता है. एक मामले को सुलझाने में कई महीने लगते हैं. ऐसे कुछ मामले होते हैं, जिसके लिए आपको दो से अधिक एपिसोड की जरुरत होती है. आप किसी कहानी के हर पैराग्राफ को शूट नहीं कर सकते. तो वो चीजें हमेशा रहेंगी. हमेशा कुछ ऐसा रहेगा जो इललॉजिकल होगा.