प्रॉजेक्ट्स और एग्जाम के बीच फंस चुकी हूं
मैंने खुद ही यह निर्णय लिया था कि बोर्ड एग्जाम पर फोकस करना है और मैं इस दौरान कोई भी प्रोजेक्ट नहीं लूंगी. अभी तो बहुत से अच्छे प्रॉजेक्ट्स के ऑफर्स भी आ रहे हैं लेकिन मैं साइन नहीं कर पा रही हूं. अब तो धर्मसंकट वाली स्थिति में पड़ चुकी हूं, मैंने किसी प्रॉजेक्ट के लिए हामी भर दी और उधर एग्जाम के डेट निकल गए, तो फिर क्या करूंगी. वैसे मैं शूटिंग को मिस तो कर रही हूं लेकिन अभी खुद पर काम करने का सोच रही हूं. जब ब्रेक लिया है, तो इसका अच्छे से इस्तेमाल करूं. बच्चों वाले रोल्स बहुत कर लिए हैं, अब खुद को बतौर ऐक्ट्रेस को रिप्रेजेंट करने की ख्वाहिश है. इसलिए मैं अब पूरी तरह से नए अवतार में फैंस के सामने आऊंगी. मैं फिलहाल खुद की ग्रूमिंग पर भी ध्यान दे रही हूं.
बोर्ड हम स्टूडेंट्स को क्लैरिटी दे
मैं तो सेंट्रल बोर्ड से यही दरख्वास्त करूंगी कि वे हम जैसे वर्किंग स्टूडेंट्स की समस्या को ध्यान दें और जो एग्जाम को लेकर अनिश्चितता है, उस पर एक क्लैरिटी दें. अगर एग्जाम हो रहे हैं, तो हम वापस से अपनी तैयारी शुरू कर दें. देखिए इससे हमारे अंदर का भी जोश जगा रहेगा. क्योंकि जो हालात हैं, उससे तो पढ़ने का मोटिवेशन कहीं न कहीं खत्म हो जाता है.अगर नहीं हो रहे हैं एग्जाम, तो भी हमें बता दें ताकि मैं अपने प्रॉजेक्ट्स पर ध्यान दे सकूं. इस तरह अधर पर लटकाए रखना तो सही नहीं. हम स्टूडेंट्स के अंदर की एंग्जाइटी है उसे खत्म कर दें. कई ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जो तैयारी कर रहे हैं एंट्रेंस एग्जाम की, वो भी इसी कशमकश में फंसे हुए हैं.
पढ़ाई नहीं छोड़ने वाली
अमूमन एक्टर काम मिलते ही पढ़ाई छोड़ देते हैं. मैं ऐसा बिलकुल भी नहीं करने वाली. चाहे जितनी भी बिजी रहूं, स्टडी हमेशा कंटीन्यू रखूंगी. मेरा स्पेशल सब्जेक्ट कॉमर्स है. मैं आगे चलकर मास कम्यूनिकेशन या फिल्म डायरेक्शन में बीबीएम करने वाली हूं. वैसे इन योजनाओं का कोई फायदा नहीं जब तक आप 12वीं क्लीयर न कर लें. हम सभी क्लासमेट्स जब भी बात करते हैं हम एग्जाम के डेट पर ही आकर रुक जाते हैं. हमें तो यह भी नहीं पता कि अगले महीने हमारे साथ क्या होने वाला है. किसी का पढ़ने का भी मन नहीं कर रहा है. अगर बहुत मेहनत भी कर ली और पता चला कि एवरेज मार्क्स देकर सबको पास करा दिया जाए. सच में बहुत कंफ्यूज्ड हूं. मैं ही नहीं मेरे पैरेंट्स भी इससे परेशान हैं. हालांकि यह सब किस्से भी देश के इतिहास में लिखे जाएंगे, जहां बोर्ड एग्जाम को लेकर इतनी अनिश्चितता थी और मैं उस इतिहास का हिस्सा रहूंगी.