साल 2019 में लॉन्च हुए &TV के सीरियल ‘एक महानायक डॉ बीआर अंबेडकर ने अभी कुछ महीने पहले ही अपने 300 एपिसोड पूरे किए हैं. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जिंदगी से प्रेरित इस सीरियल में उनके बचपन का किरदार आयुध भानुशाली निभा रहे थे. लेकिन 20 जुलाई से इस सीरियल में एक बड़ा बदलाव हुआ है, बदलाव ये कि सीरियल में छोटे अंबेडकर अब बड़े हो गए हैं और टीवी पर बड़े अंबेडकर का किरदार निभा रहे हैं अथर्व कार्वे.
आजतक से बात करते हुए अथर्व कार्वे ने ना सिर्फ अपने किरदार को लेकर बातें की बल्कि ये भी बताया कि कैसे इस सीरियल ने उनके सपने को साकार कर दिया.
अथर्व कहते हैं कि ‘डॉ बीआर अंबेडकर जैसे एक प्रेरणादायक किरदार को निभाने के लिये चुना जाना सम्मान की बात है, मैं हमेशा से ही बाबासाहेब की भूमिका को पर्दे पर साकार करना चाहता था और ये मेरे लिये किसी सपने के सच होने जैसा है, उनकी जिंदगी और विरासत कई लोगों के लिये प्रेरणा का स्रोत रही है, वो एक महान नेता, विचारक, समाज उद्धारक और इन सबसे बढ़कर भारत के संविधान के संस्थापक हैं. डॉ अंबेडकर की किताबों और कामों ने मुझे बहुत प्रेरित किया है. इस तरह के एक बड़े किरदार को पर्दे पर निभाना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और मेरे लिये यह बहुत बड़ा पल भी है.’
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कई राउंड्स में दिए ऑडिशन
अथर्व आगे कहते हैं कि ‘मैंने बचपन से ही उनके बारे में काफी कुछ पढ़ा है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मुझे इस शो का हिस्सा बनने और डॉ अंबेडकर की भूमिका को पर्दे पर उतारने का मौका मिलेगा. मैंने कई राउंड्स में ऑडिशन्स दिये और इस रोल के लिये फाइनल किये जाने से पहले मेरा लुक टेस्ट भी किया गया. ये बेशक मेरे लिये एक बहुत बड़ा और गौरवपूर्ण पल है.’
डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में कितना जानते हैं अथर्व?
इस शो को करने से पहले अथर्व डॉ. भीमाराव अंबेडकर के बारे में कितना जानते थे, इस सवाल का जवाब देते हुए अथर्व कहते हैं कि ‘हालांकि, उनके योगदान एवं उपलब्धियों की हर कोई कद्र करता है, लेकिन बहुत कम लोगों को ही उनकी जिंदगी के बारे में पता है और शो में उनकी इसी कहानी को बयां किया गया है और मुझे भी अंबेडकर जी के जीवन और उनकी चुनौतियों के बारे में इस शो को ज्वाइन करने के बाद ही पता चला. वो एक ऐसे शख्स थे, जिन्होंने लाखों भारतीयों के दिलों में अपनी एक महत्वपूर्ण जगह बनाई है. वो उन चीजों के लिये हमेशा खड़े रहे, जिन पर उनका भरोसा था, फिर चाहे जात-पात के भेदभाव की बेड़ियों को तोड़ना हो या शिक्षा में समानता की चुनौतियों से संघर्ष करना हो, उन्होंने अपनी जिंदगी और अपने आस-पास एवं अपने समुदाय के लोगों का जीवन बदलने के लिये शिक्षा का इस्तेमाल एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में किया.’
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रील और रियल लाइफ के डॉ. अंबेडकर की तुलना पर अर्थव ने कहा
अपने रोल को लेकर वो किस तरह की जिम्मेदारी महसूस कर रहे हैं उस बारे में बात करते हुए अथर्व कहते हैं कि ‘एक ऐसे शख्स की भूमिका निभाना, जिसने कई लोगों की जिंदगी को प्रेरणा दी हो और जिसका एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हो, जिंदगी में बस एक बार मिलने वाला सुनहरा अवसर है. हालांकि, यह बात भी सच है कि जब आप इस तरह की किसी शख्सियत को पर्दे पर उतारते हैं, तो आपकी तुलना उस असली व्यक्ति से की जाने लगती है. फिर चाहे उनका लुक हो, हाव-भाव हो, व्यक्तित्व हो, बोलने का अंदाज हो या फिर सम्पूर्ण अभिव्यक्ति ही क्यों न हो, हर बारीक से बारीक चीज पर ध्यान दिया जाता है. इनके अलावा, ज्ञान एवं शोध भी सबसे अधिक मायने रखते हैं. यह जरूरी है कि आप उस व्यक्ति के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ें और जानें, उनके बारे में समझें और हर छोटी से छोटी चीज को अपने अभिनय में शामिल करें क्योंकि आपके हर कदम पर दर्शकों की नजरें टिकी होती हैं.’