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कहते हैं कि बहाना देने वाले बस बहाना देते रह जाते हैं. वहीं कुछ कर गुजराने वाले किसी भी कीमत पर अपनी मंजिल हासिल कर ही लेते हैं. आज हमको आपको ऐसे कॉमेडियन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसकी हिम्मत के आगे वक्त की एक ना चली. ये कहानी है 'इंडियाज लाफ्टर चैंपियन' के कंटेस्टेंट्स जय छनियारा की. आज कल जितनी बातें 'इंडियाज लाफ्टर चैंपियन' की हो रही हैं, उतना ही जिक्र जय छनियारा का भी हो रहा है. चलिये जानते हैं क्यों.
हिम्मत का पर्याय बन चुके हैं जय
6 साल की उम्र से अपनी कॉमेडी से सबको हंसाने वाले जय आज कल 'इंडियाज लाफ्टर चैंपियन' में लोगों को लाफ्टर डोज दे रहे हैं. जय ने 17 साल बाद टेलीविजन पर वापसी की है और आते ही सबको बुरी तरह हंसने पर मजबूर कर दिया है. वो भी व्हीलचेयर पर बैठकर.
क्या है जय की दिक्कत
व्हीलचेयर पर बैठकर अपना हुनर दिखाने का जज्बा हर किसी में नहीं होता, लेकिन जय ने अपनी बीमारी को कभी कमजोरी नहीं दिया. बेहद कम उम्र में सेरेब्रल पालसी की बीमारी से जूझने वाले जय आज स्ट्रांग बन कर एक नॉर्मल लाइफ जी रहे हैं. हालांकि, उन्हें जब इस बीमारी का पता चला था, तो ये उनके लिये किसी बड़े झटके से कम नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने अंदर छिपा कॉमेडियन बाहर निकाला.
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ईटाइम्स को दिये इंटरव्यू में जय छनियारा ने बताया कि बचपन में उनके मम्मी पापा उन्हें गोद उठाकर स्टैंडअप कॉमेडी के लिये ले जाते थे. वहीं आज जब वो बचपन की फोटोज देखते हैं, तो इमोशनल हो जाते हैं. इंडियाज लाफ्टर चैंपियन से पहले जय द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में भी नजर आ चुके हैं. वहीं सालों बाद अर्चना पूरन सिंह और शेखर सुमन के शो में वापसी करके जय बेहद खुश हैं. आज भी जय शो में उसी तरह अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे पहले करते थे.
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जय छनियारा को देख कर कई लोगों को लग सकता है कि वो अपनी जिंदगी कैसे काटते होंगे. पर असल में आज जय जो भी हैं. वो अपनी लाइफ से बेहद खुद हैं. कॉमेडियन का कहना है वो आज में जीने में विश्वास रखते हैं, उन्हें कल की फिक्र नहीं है. इसी के साथ हम जय के लिये बस इतना कहना चाहेंगे कि हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा. उम्मीद है कि जय यूंही दिन पर दिन आगे बढ़ते रहेंगे.