टीवी एक्ट्रेस हेली शाह अहमदाबाद से ताल्लुक रखती हैं. आजतक डॉट इन से बातकर हेली ने बताया, गुजराती के लिए नवरात्र के क्या मायने हैं, इसे तो शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. पूरे नौ दिन फेस्टिव माहौल होता है. हर जगह वो एक्साइटमेंट देखने को मिलती है. मुझे तो गरबा बहुत पसंद है.
फैमिली में सबसे उत्साहित मेंबर थी
हेली आगे कहती हैं, लेकिन काम और शूटिंग की कमिटमेंट की वजह से आप बाहर नहीं जा पाते हैं. हालांकि लास्ट दो सालों से वैसे भी अब कुछ भी सेफ नहीं रहा है. ये सारी चीजें कम हो गई हैं. वैसे तो मैं नवरात्र ही मेरा पसंदीदा त्योहार होता है. घर पर भी बचपन से ही मैं सबसे उत्साहित मेंबर होती थी.
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शॉपिंग भी एक रस्म होती थी
बचपन की यादों पर हेली कहती हैं, नवरात्र से पहले जो सबसे बड़ा टास्क होता था, तो था इन नौ दिनों कपड़ों का सिलेक्शन करना. चनिया चोली खरीदना भी अपने आपमें एक त्योहार की तरह होता था. हम लड़कियां हमेशा कंफ्यूज्ड रहती थीं कि स्कूल गरबा में क्या पहनना है या फिर दूसरे ग्राउंड में क्या पहनकर जाना है. नवरात्र में शॉपिंग करना भी हमारे लिए रस्म की तरह होता था.
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आप सबकुछ नहीं खरीदें लेकिन कुछ तो नया जरूर लेना होता था. इस दौरान हमारे शहर में एक डेडिकेटेड मार्केट हुआ करते थे, जहां जाकर हम जूलरी, चनिया चोली, दुप्पट्टे आदि के लिए वहीं जाया करते थे. जब भी नवरात्र का सोचती हूं, तो इन्हीं यादों में खोती जाती हूं.
गुजरात के गरबे का कोई मुकाबला नहीं
गुजरात में होने वाले गरबे की बात ही कुछ और होती है. वहां आपको एक अलग ही माहौल मिलता है. वहां की एक्साइटमेंट और एनर्जी अलग ही लेवल की होती थी. वहां के चार्म की तुलना मैं यहां से नहीं कर सकती हूं. मुझे लगभग 6 साल तो हो गए हैं, काम की वजह से अपने होमटाउन नहीं जा पाई हूं.
मुंबई में अकेले रहकर हुआ शक्ति का एहसास
नवरात्र में हम शक्ति की पूजा करते हैं. मेरी जीवन में ऐसे कई मौके रहे हैं, जब मैंने खुद को शक्तिशाली महसूस किया है. खासकर जब मैं पहली बार मुंबई आई और अकेले यहां पर रहना शुरू किया, चीजों को हैंडल करना शुरू किया, तो उस वक्त मैंने खुद के अंदर शक्ति महसूस किया था. जबतक हम खुद को आजमाएंगे नहीं, तब तक हमें अपने अंदर के पावर का अहसास नहीं होगा.