ढेर सारी फिल्मों में नायक की भूमिका निभाकर और टीवी पर भगवान राम के किरदार को निभाने के बाद एक्टर गुरुमीत चौधरी अब रियल लाइफ में भी एक असली नायक की तरह उभरकर देश के सामने आए हैं. गुरमीत चौधरी ने गरीबों और मिडिल क्लास लोगों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में ‘आस्था’नाम का एक कोविड हॉस्पिटल खोला है.
इस हॉस्पिटल के बारे में बात करते हुए गुरमीत चौधरी कहते हैं- ‘अभी कुछ महीनों पहले मेरे एक मीडिया मित्र ने मुझसे कोविड से जुड़ी एक मदद मांगी थी, जब मैंने उसकी मदद करने के लिए अपने सोशल मीडिया का सहारा लिया तो मुझे पता चला कि कोरोना की वजह से देश में हालात कितने ज्यादा खराब चल रहे हैं. तब मेरे दिमाग में ये ख्याल आया कि मुझे लोगों की मदद के लिए एक असली नायक की तरह काम करना होगा’.
गुरमीत कहते हैं कि ‘ये लोगों का प्यार है कि मैं अपनी जिंदगी में कलाकार के रूप में सफल हो पाया और मुझे लगता है कि अब मेरी बारी है इस देश के लिए और देश के लोगों के लिए कुछ करने की इसलिए मैंने नागपुर शहर में डॉक्टर सैयद वजहाताली और उनकी टीम के लिए मिलकर ये कोविड हॉस्पिटल खोला है और देश के कई दूसरे शहरों में भी कोविड हॉस्पिटल खोलने की तैयारी में लगा हुआ हूं और ईश्वर की कृपा रही तो जल्द ही दूसरे शहरों में कोविड हॉस्पिटल खुल जाएंगे ’.
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पत्नी देबीना का मिला भरपूर सहयोग
अपनी पत्नी देबिना के बारे में बात करते हुए गुरमीत चौधरी कहते हैं की ‘इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना काल में घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है लेकिन मेरे इस साहस के पीछे मेरे पिता जी का आशीर्वाद और देबिना का पूरा सहयोग मानता हूं, अगर देबिना का सहयोग नहीं होता तो शायद मैं इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाता. दूसरा मैं एक आर्मी फैमिली से आता हूं और मैंने अपने पिताजी को वर्दी पहनकर देश की सेवा करते हुए देखा है, ऐसे में मेरे अंदर भी देश की सेवा करने का जज्बा उठना लाजमी है और मैं आपको यकीन दिलाता हूं मुझसे जितना हो सकेगा मैं करुंगा और मेरे इस अभियान में मुझे कई सारे लोगों का साथ भी मिल रहा है’.
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राम के किरदार ने किया प्रभावित
गुरमीत चौधरी ने आगे कहा- ‘ये भी सच है कि जब आप भगवान राम का किरदार निभाते हैं तो आपके अंदर भी मानव सेवा का भाव उत्पन्न होता है और मैंने उस किरदार को जिया है तो मेरे अंदर भी लोगों की मदद करने का भाव पैदा होना ही था और भगवान राम की कृपा रही तो मैं ऐसे ही आगे भी लोगों की मदद करता रहूंगा, मैं चाहता हूं की जब कोरोना खत्म हो जाए और मैं अपनी जिंदगी में पीछे मुड़कर देखूं तो मुझे एक सुकून मिले कि मुझसे जितना हो सका मैं किया, मैं अपने जीवन को उस सुकून के साथ जीना चाहता हूं’.