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रतन राजपूत का छलका दर्द, कभी भूखे पेट सोई थीं, खाने को नहीं थे पैसे, पिता से क्यों नहीं ली मदद

स्ट्रगलिंग डेेज में रतन राजपूत भूख हड़ताल करके मुंबई में अपना खर्चा मैनेज करती थीं. रतन जैसे तैसे अपना गुजारा करती थीं. घर से फोन आने पर रतन फैमिली को झूठ बोलती थीं कि उन्होंने खाना खाया. उन्होंने मुंबई में भूखे पेट सोना बेहतर समझा लेकिन पिता से पैसे नहीं मांगे. रतन ने व्लॉग में ये स्टोरी शेयर की है.

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रतन राजपूत
रतन राजपूत

टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत अपने यूट्यूब चैनल पर लाइफ से जुड़े किस्से शेयर करती हैं. इंडस्ट्री में चाहे वो उनका स्ट्रगल रहा हो, बुरा एक्सपीरियंस हो या पर्सनल लाइफ की कड़वी यादें, रतन राजपूत फैंस को अपने मन की हर बात बताती हैं. रतन ने अपने लेटेस्ट व्लॉग में स्ट्रगलिंग डेज को याद किया है. कैसे वे बिहार से मुंबई आईं, उनके पास पैसे नहीं होते थे, वे भूखे पेट सोई थीं... मगर फिर भी उन्होंने अपने पापा से पैसे नहीं मांगे थे. 

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रतन क्यों रही थीं भूखे पेट?
रतन राजपूत ने बीते वक्त को याद करते हुए बताया उन्होंने 2002 में घर छोड़ा था. मुंबई आते ही वे महालक्ष्मी मंदिर के दर्शन करने निकली थीं. आते ही उन्हें एक शो मिल गया था. रतन को तब अंग्रेजी नहीं आती थी इसलिए उन्होंने बिना कॉन्ट्रैक्ट पढ़े शो साइन कर लिया था. रतन का ये 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट था, उन्हें ढाई हजार हर दिन का मिलता था. दिल्ली में उन्हें 500 रुपये मिलते थे इसलिए रतन ये अमाउंट जानकर खुश हो गई थीं. रतन महीने में बस 3-4 दिन ही शूट करती थीं इसलिए वो महीने का बस साढ़े 7 हजार तक कमा लेती थीं. रतन के ये पैसे कब खर्च हो जाते थे पता ही नहीं चलता था. जबकि उनका खर्चा साढ़े 9 हजार था.

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मुंबई में रतन की भूख हड़ताल
रतन भूख हड़ताल करके मुंबई में अपना खर्चा मैनेज करती थीं. रतन राजूपत जैसे तैसे अपना गुजारा करती थीं. वड़ा पाव, दूध पीकर गुजारा करती थीं. घर से फोन आने पर रतन फैमिली को  झूठ बोलती थीं कि उन्होंने खाना खाया है. रतन के परिवार में किसी चीज की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने मुंबई में भूखे पेट सोना बेहतर समझा लेकिन पिता से पैसे नहीं मांगे. वे अपने बलबूते पर एक्टर बनना चाहती थीं. रतन को लगता था अगर सक्सेस नहीं मिली तो लोग बोलेंगे कि परिवार का पैसा डुबो दिया.अगर उन्हें तब पता होता कि वो सफल होंगी तो पैसे घर से मांग भी लेतीं.

रतन ने पिता से नहीं मांगे थे पैसे
रतन कहती हैं- मुंबई आने के बाद पापा से सिर्फ 50 हजार मांगे थे, क्योंकि उन्हें घर का डिपॉजिट भरना था. दिल्ली में एक्टिंग वर्कशॉप में काम कर उन्होंने 22 हजार कमाए थे. रतन को उनके पिता के दोस्त की एक बात काफी चुभ गई थी इसलिए भी उन्होंने घर से पैसे नहीं मांगे. पिता के दोस्त ने कहा था कि एक्टिंग फील्ड में बच्चे अपना नमक रोटी भी नहीं खा सकते. रतन को पापा के दोस्त की ये बात पसंद नहीं आई थी.  

अब जब उनकी मां ये सुनती हैं कि उनकी बेटी के पास एक वक्त खाना खाने के लिए नहीं था.रतन राजपूत की मां इमोशनल हो जाती हैं. रतन ने कहा कि हर एक्टर की लाइफ की ऐसी कहानी होती है और ये सच होती है. रतन के इस व्लॉग को सुनकर फैंस ने उनकी सच्चाई की तारीफ की है. रतन राजपूत चाहे कभी भूखे पेट सोई हों, मगर आज वे सफल एक्टर हैं और अपनी लाइफ एंजॉय कर रही हैं.

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