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करण मेहरा को कभी गुस्सा होते नहीं देखा, पत्नी निशा के आरोप सुन हैरान को-स्टार

टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने कपल करण मेहरा और निशा रवाल की शादी ने एक बेहद दुखद मोड़ पर खत्म हुआ है. निशा ने करण पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है. इस मामले पर करण ने भी अपनी सफाई देते हुए बयान जारी किया है.

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Sanjay Gandhi
Sanjay Gandhi

करण मेहरा और निशा रावल की इस लड़ाई में टीवी इंडस्ट्री दो भागों में बंटती नजर आ रही है. कुछ एक्टर्स जहां करण के सपोर्ट में नजर आ रहे हैं, तो वहीं कई एक्टर ऐसे भी हैं, जिन्होंने निशा का पक्ष लेते हुए करण पर लगे आरोपों को सच बताया है. इसी बीच हमने ये रिश्ता क्या कहलाता है में करण के को-स्टार रहे संजय गांधी से जब हमने बात की तो, उनका जवाब यह था. 

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टीवी एक्टर संजय गांधी शो ये रिश्ता क्या कहलाता है से तीन साल तक जुड़े रहे हैं. जब संजय से हमने करण मेहरा के बारे में बात की, तो संजय का कहना था कि वे खबरों को पढ़कर काफी शॉक्ड हैं. उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि करण पर इस तरह के इल्जाम लगे हैं. 

आजतक से बातचीत के दौरान संजय कहते हैं, मैं करण को काफी समय से जानता हूं. जो आज खबरें पढ़ी हैं कि उसने अपनी पत्नी पर हाथ उठाया था, यह सुनकर यकीन ही नहीं होता है. करण ऐसा कभी कुछ करेगा, ऐसा कोई सोच ही नहीं सकता है. वो बेहद ही जेंटेलमैन किस्म के इंसान हैं. देखिए   एक पति और पत्नी के  बीच क्या होता है, या तो यह बात उन्हें ही पता होती या उनके घर की चार दीवारों को. बाकी लोग तो अनुमान ही लगा सकते हैं. खबर पढ़कर मैं बहुत ही अपसेट हूं. वहीं निशा भी बेहद संस्कारी और इंटेलीजेंट लगती हैं. सेट और कहीं जगह उनसे मुलाकात हुई है. इन तीन सालों में करण को गुस्सा करते  या किसी पर चिल्लाते कभी नहीं देखा.न ही सेट पर उसके कोई टैंट्रम थे. वो अक्सर सेट भी टाइम पर ही आता था. 

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काम न मिल पाने से परेशान हैं संजय

ये रिश्ता क्या कहलाता है, पुर्नविवाह, नागिन 4 जैसी कई सीरियल्स में अपनी अदायगी का लोहा मनवाने के बावजूद संजय गांधी अपनी एक्टिंग की काबिलियत साबित करने के ऑडिशन के लिए दर-दर भटकने पर मजबूर हैं. नागिन 4 के बाद से ही संजय बेरोजगार बैठे हैं. सीनियर एक्टर का दर्द बयां करते हुए संजय कहते हैं, हम सभी एक्टर्स फाइनेंंशि‍यल क्राइसिस से गुजर रहे हैं. काम नहीं मिल पा रहा है. कई लोग आर्टिस्ट्स का कोरोना के नाम पर फायदा उठा रहे हैं. हालात बहुत खराब हो चुके हैं. आप ही बताएं, करियर और उम्र के इस पड़ाव पर आने के बावजूद अगर मुझे अगर ऑडिशन देना पड़े, तो इससे बुरा मेरे लिए क्या हो सकता है. फिलहाल मेरे एक इंडस्ट्री के दोस्त मेरी मदद कर रहे हैं, जिनके सपोर्ट से ही घर का गुजारा चल रहा है. लेकिन इस दौरान प्रॉडक्शन हाउस और प्रड्यूसर्स के रवैये ने मुझे बहुत निराश किया है. 

 

 

 

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