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'कोई प्रोड्यूसर एक्टर से बड़ा नहीं हो सकता,' शैलेश लोढ़ा का असित मोदी पर निशाना! इशारों में बताया क्यों छोड़ा तारक मेहता शो

शैलेश लोढ़ा से सेशन की मॉडरेटर चित्रा त्रिपाठी ने पूछा कि उन्होंने तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल को क्यों छोड़ा था. इसपर शैलेश बोले- 'जो छूट गया उसके बारे में क्या? वैसे ये राष्ट्रीय प्रश्न है. आप मेरी बात इशारों में समझें. दुनिया का कोई निर्माता किसी निर्देशक या अभिनेता/अभिनेत्री से बड़ा नहीं हो सकता. वो व्यापारी है और ये हमें समझना चाहिए.'

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शैलेश लोढ़ा
शैलेश लोढ़ा

तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल से घर-घर में फेमस हुए शैलेश लोढ़ा ने लखनऊ में आयोजित साहित्य आजतक 2023 में शिरकत की. साहित्य के इस महासम्मेलन में शैलेश लोढ़ा ने कई बढ़िया और खूबसूरत कविताएं सुनाईं. उन्होंने अपने पिता श्याम सिंह लोढ़ा के बारे में भी बात की और साथ ही एक 'राष्ट्रीय सवाल' का भी जवाब दिया.

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पिता के बारे में की शैलेश ने बात

शैलेश लोढ़ा अपने पिता के बारे में बात करते हुए मजाक में कहते हैं कि मैंने पिता जी के ऊपर लतीफे बनाए हैं. मैं आपको वो सुना दूंगा, लेकिन फिर ये शो मेरे पिता जी को ना दिखाएं, क्योंकि मकान के कागज आज भी उनके नाम है. वो बताते हैं- मेरे पिता जी की दोनों किडनी खराब हो गई हैं. वो डायलिसिस पर हैं. लेकिन फिर भी वो फनी हैं. मैं उनसे ट्रांसप्लांट की बात कर रहा था. मैंने कहा कि इतने पैसे देंगे तो नई किडनी लग जाएगी. तो उन्होंने मुझसे कहा- पूछो डॉक्टर से पुरानी का कितना देंगे. 

क्यों छोड़ा तारक मेहता शो?

इसके बाद 'राष्ट्रीय सवाल' की बारी आई. शैलेश लोढ़ा से सेशन की मॉडरेटर चित्रा त्रिपाठी ने पूछा कि उन्होंने तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल को क्यों छोड़ा था. इसपर शैलेश बोले- 'जो छूट गया उसके बारे में क्या? वैसे ये राष्ट्रीय प्रश्न है. आप मेरी बात इशारों में समझें जिस देश के पब्लिशर जो पुस्तक छापते हैं वो हीरे की अंगूठी पहनकर घूमें और लेखक को अपनी ही पुस्तक छपवाने के लिए पैसे देने पड़ें. दूसरों की प्रतिभाओं से कमाने वाले व्यापारी लोग अगर खुद को प्रतिभाशाली और बड़ा समझने लगें. तब किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति को खड़े होकर आवाज उठानी चाहिए कि आप दूसरों की प्रतिभाओं से कमाने वाले लोग हैं.'

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शैलेश का असित मोदी पर निशान!

शैलेश लोढ़ा आगे कहते हैं, 'और शायद मैं वही हूं जिसने आवाज उठाई. दूसरों की प्रतिभाओं से अपना नाम करने वाले लोग किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति से बड़े नहीं हो सकते. दुनिया का कोई पब्लिशर किसी लेखक से बड़ा नहीं हो सकता. दुनिया का कोई प्रोड्यूसर किसी अभिनेता से बड़ा नहीं हो सकता. दुनिया का कोई निर्माता किसी निर्देशक या अभिनेता/अभिनेत्री से बड़ा नहीं हो सकता. वो व्यापारी है और ये हमें समझना चाहिए. मैं कवि हूं और मैं अभिनेता हूं. जब-जब कुछ ऐसा कुछ किया जाएगा जो मेरे कवि होने पर या मेरे अभिनेता होने पर... मेरे विचारों पर, अगर किसी व्यापार ने हावी होने की कोशिश की तो ज्वालामुखी फटेगा.' 

लखनऊ में हुए साहित्य आजतक 2023 में शैलेश लोढ़ा ने बेटी, मां और आंसुओं पर कविताएं सुनाईं. शैलेश ने कहा कि मां पर कोई कविता नहीं लिख सकता. दुनिया में कोई ऐसी कलम नहीं है, जो मां पर कविता लिख सके. जिसने आपको लिखा है उसपर कैसे कोई कविता लिख सकता है. साथ ही उन्होंने सभी को ये याद दिलाया कि आदमी को अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए.

 

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