बॉलीवुड में बेबी तबस्सुम के नाम से फेमस तबस्सुम इस साल इंडस्ट्री में अपना गोल्डन जुबली मना रही हैं. तबस्सुम ने सात जनरेशन के साथ काम किया है. तबस्सुम की जिंदादिली का तो हर कोई कायल है. उम्र के इस पड़ाव में भी उनके अंदर का बच्चा आज भी जवान है.
अपनी इस खुशमिजाजी का राज बताते हुए तबस्सुम कहती हैं, इसका श्रेय पूरी तरह से देव आनंद भईया को जाता है. उन्होंने मुझे एक ऐसा गुरूमंत्र दिया था, जिसे मैंने अपनी जिंदगी में तार कर लिया था. जब मैं निराश होती हूं, तो मैं देव आनंद जी कही हुई उस बात को याद कर आगे बढ़ जाती हूं. देव आनंद जी एक ऐसे ऐक्टर थे, जिनके साथ मैंने हर जनरेशन में काम किया है. बचपन में मैं उनकी गोदी में बैठ उनसे खूब बातें किया करती थीं. मैं उनसे अक्सर कहा करती थी कि देव भईया आप एक बात बताओ, जब आप पैदा हुए थे, तो जवान थे ही. जवानी में भी भरपूर जवान थे और अब बुढ़ापे में भी आपको और कोई बूढ़ा कह ही नहीं सकता. इस जवानी का आखिर राज क्या है. ताकि दूसरे लोग भी इसका फायदा उठाएं.
देव आनंद भईया कहने लगे कि तबस्सुम एक राज है, तू सुन ले और अपने दिमाग में बैठा ले और जब-जब जहां तुम्हें मौका मिले, तो सबके कानों में यह बात जाए क्योंकि सबके फायदे की है यह बात.. मैंने कहा बात बताओ तो सही देव भईया... तो वे कहने लगे, जो चीज तुम्हें टेंशन दे, तुम उसको अटेंशन बिलकुल भी मत देना. यह वाकई में बहुत अच्छी बात कही थी उन्होंने. उस समय से आज का वक्त है, मैं अपनी जिंदगी में टेंशन को बिलकुल भी अंटेंशन नहीं देती हूं.
जॉनी लीवर को कॉल कर कहा, मैं स्वर्ग से बोल रही हूं
उनकी जिंदादिली की यही वजह है कोरोना के दौरान अस्पताल में एडमिट रहीं तबस्सुम ने वहां के बाकी मरीजों के साथ गहरी दोस्ती कर ली थी, सबको इकट्ठा कर उनसे सिनेमा की बातें करना और गाना गाकर उनका मनोरंजन किया करतीं. तबस्सुम के इस दोस्ताना व्यवहार ने अस्पताल में उन्हें सबका चहेता बना दिया था और जब वे ठीक होकर घर लौट रही थीं, तो सारा अस्पताल उनकी विदाई पर रो पड़ा. पिछले दिनों जब उनके मौत की अफवाह उड़ी, तो जॉनी लीवर ने खबर से बेचैन होकर उन्हें कॉल कर दिया. जवाब में तबस्सुम उन्हें हंसते हुए जवाब कहती हैं कि अरे, मैं स्वर्ग से बोल रही हूं.