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Who Is Deeksha Sahu: 10 साल तक किया स्ट्रगल, अब 'भाभी जी घर पर है' में जमाएंगी रंग

'भाभी जी घर पर है' टेलीविजन का पॉपुलर शो है. लोकप्रिय टीवी शो में अब दीक्षा साहू की एंट्री होने वाली है. दीक्षा साहू 'भाभी जी घर पर है' में विभूति नारायण की कजिन 'गिल्ली' के रोल में नजर आने वाली हैं. जानिए 'भाभी जी घर पर है' से जुड़ने वाली हैं.

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दीक्षा साहू
दीक्षा साहू

इंतजार का फल मीठा होता है. ये सिर्फ एक कहावत नहीं है, बल्कि कई लोगों को इंतजार के बाद अच्छी चीजें मिली भी हैं. इसका लेटेस्ट उदाहरण दीक्षा साहू हैं. दीक्षा साहू को 'भाभी जी घर पर है' शो में अहम भूमिका निभाने का मौका मिला है. पर ये शो पाने के लिए उन्हें 10 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा है. आइये जानते हैं कि कौन हैं दीक्षा साहू, जो इतने साल बाद टीवी शो से अपने करियर की नई उड़ान भरने जा रही हैं. 

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'भाभी जी घर पर है' में नई एंट्री  
'भाभी जी घर पर है' टेलीविजन का पॉपुलर शो है. लोकप्रिय टीवी शो में अब दीक्षा साहू की एंट्री होने वाली है. दीक्षा साहू 'भाभी जी घर पर है' में विभूति नारायण की कजिन 'गिल्ली' के रोल में नजर आने वाली हैं. इस रोल के लिए दीक्षा को कई साल का इंतजार करना पड़ा. 

एक्ट्रेस मीडिल क्लास फैमिली से आती हैं. दीक्षा के पिता गोकुल प्रसाद साहू आर्मी में थे. वहीं मां दया साहू घर संभालती थीं. मीडिल क्लास फैमिली में परवरिश होने के बाद भी दीक्षा जिंदगी को लेकर बड़े सपने देखती थीं. इसलिए उन्होंने अपने करियर की शुरुआत नुक्कड़ नाटक से की.

पढ़ाई में थीं अव्वल
एक इंटरव्यू के दौरान दीक्षा ने बताया कि वो पढ़ने में काफी अच्छी थीं. ग्रेजुएशन करने के बाद 2012 में उन्हें नुक्कड़ नाटक करने का चांस मिला. नुक्कड़ नाटक के बाद उन्होंने NSD वर्कशॉप में हिस्सा लिया. इसके साथ ही दीक्षा ने थिएटर को काफी बारीकी से जाना. थिएटर को ढंग से जानने के बाद दीक्षा ने एक्टिंग फील्ड में करियर बनाने का फैसला किया. हालांकि, उनकी ये जर्नी बिल्कुल आसान नहीं थी. 

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दीक्षा साहू

मुंबई आने के बाद दीक्षा को दयाबाई नाम की फिल्म से एक्टिंग ब्रेक मिला. दीक्षा की पहली फिल्म ही भारत की ओर से इंटरनेशनल अवॉर्ड के लिए भेजी गई. इसके बाद वो चंद फिल्म और वेब शोज में दिखाई दीं. 

करना पड़ा स्ट्रगल 
दीक्षा साहू को एक्टिंग ब्रेक मिल चुका था. हालांकि, उनका संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ था. इसलिए अच्छी शुरुआत होने के बावजूद उन्हें 10 साल का इंतजार करना पड़ा. इंतजार का फल उस वक्त मीठा साबित हुआ, जब उन्हें  'भाभी जी घर पर है'  पर काम करने का मौका मिला. दीक्षा साहू अपनी सक्सेस का क्रेडिट फैमिली और थिएटर गुरुओं को देती हैं. 

श्रेया कहती हैं कि मीडिल क्लास फैमिली के लिए अपनी बेटी को मुंबई भेजना आसान नहीं था. पर उन्होंने मेरे सपनों को ऊपर रखा. इसके बाद उन्होंने उन गुरुओं का भी शुक्रिया किया, जिनकी वजह से आज वो इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं. 

 

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