'नाम शबाना' साल 2015 में आयी फिल्म 'बेबी' का प्रीक्वल है. फिल्म की कहानी मुम्बई में रहने वाली शबाना की है जो अपनी मां के साथ रहती है. शबाना का बचपन अपने शराबी पिता से डरते हुए बीतता है जो शराब पीकर उसकी माँ को मरता पीटता रहता है और एक दिन अपनी माँ के बचाव में शबाना के हाथों पिता की हत्या हो जाती है, जिसके बाद उसे बाल सुधार ग्रह जाना पड़ता है. हालात बदलते हैं और उसे मौका मिलता है स्पेशल टास्क फोर्स ज्वाइन करने का. इसके बाद तस्करी करने वाले गिरोह का सामना करने के लिए वो खुद को तैयार करती है. इस तैयारी में स्पेशल टास्क फोर्स के हेड रणवीर सिंह यानी मनोज बाजपेयी उसकी सहायता करते हैं. शबाना को तस्करी करने वाले इस गिरोह के मुखिया को पकड़ने के लिए मलेशिया जाना पड़ता है जहां उसकी मदद टास्क फाॅर्स के जाबाज़ अफसर अजय यानी अक्षय कुमार करते हैं. फिल्म का डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी उम्दा है. ट्विस्ट और टर्न्स काफी अच्छे हैं और फाईट सीक्वेंस भी जबरदस्त हैं जिसकी वजह से फिल्म आपको बांध के रखती है. फिल्म का फर्स्ट हाफ धीमा है जो तेज हो सकता था. एडिटिंग पर और काम किया जा सकता था. क्लाईमैक्स को भी और बेहतर बनाया जा सकता था.बहरहाल अक्षय कुमार की मौजूदगी फिल्म को दिलचस्प बनाती है, मनोज बाजपेयी ने बॉस के तौर पर सटीक काम किया है. अनुपम खेर, मुरली शर्मा, डैनी और अन्य सह कलाकार भी बढ़िया काम करते नजर आए हैं. साउथ स्टार पृथ्वीराज का अवतार देखकर आप दंग रह जाएंगे. तापसी पन्नू का अभिनय कमाल का है, पिंक में दमदार एक्टिंग के बाद तापसी ने एक बार फिर वापस की है और किरदार को बखूबी निभाया है, सभी एक्शन और स्टंट सीन तापसी ने खुद ही किये है, यही वजह है की इस बार फिल्म देखने की वजह अक्षय नहीं बल्कि तापसी पन्नू हैं.हमारी तरफ से फिल्म को मिलते हैं 3 स्टार्स .