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BSF जवान की चिट्ठी में रोटी का दर्द...

BSF जवान की चिट्ठी में रोटी का दर्द...

सरहद पर जिनके हाथों में हर वक्त बंदूकें और गोला-बारूद रहता है. उनके हाथ रोटी के लिए तरसते हैं. जिनकी बदौलत पूरा देश महफूज है. वो भरपेट खाना नहीं खा पाते. जिनकी निगाहों में हर वक्त तिरंगा रहता है. उनके दिल में दर्द है, आंखों में आंसू हैं.एक जवान ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश के 11 हुक्मरानों को चिट्ठी भेजकर रोटी से लेकर दवा तक जो दर्द बयां किया है, उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे.एक जवान की ओर से 31 अक्टूबर 2016 को देश के तमाम हुक्मरानों को भेजे गए खत के मुताबिक कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, ड्यूटी, चारपाई और ट्रांसपोर्टेशन हर स्तर पर जवानों का शोषण होता है.

bsf jawan letter to prime minister narendra modi president pranab mukherjee on services and food provided

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