ये आवाज जैसे सात सुरों की बंदगी है. ये आवाज उभरती है, तो जैसे इबादत होती है. सुरों की अदायगी में ऐसा रुहानी एहसास जो किसी और आवाज में नहीं उतरा. तभी तो सुर-संगीत के दीवाने कहते हैं लता जी की आवाज दुनिया का आठवां अजूबा हैं.