एक अभिनेता के तौर पर देवानंद जितने सदाबहार थे, उतने ही सदाबहार थे वो नग़में जो देवानंद पर फ़िल्माए गए. 1950 के बाद अगले 3 दशकों देवानंद की फ़िल्मों के जितने भी गाने आए... सबकी ज़ुबान पर चढ़ गए. देखते हैं ऐसे ही कुछ नग़मों की झलक... जो आज भी सदाबहार हैं.