हिंदुस्तान का सिनेमा अपने 100 साल का जश्न मना रहा है और दिलीप कुमार अपनी जिंदगी के 9 दशक पूरे कर रहे हैं. सिनेमा के साथ गुजरे ये बरस गवाह हैं उस बेमिसाल अदाकारी के जो जीती जागती किताब बन गई. दिलीप साहब अब बीमार रहते हैं, लेकिन आज भी भारतीय सिनेमा के लिए मिसाल हैं. देखें, ये खास पेशकश.