एजेंडा आज तक 2014 के दूसरे दिन राजनीति, खेल, मनोरंजन और साहित्य से जुड़े लोगों ने कई सेशन्स में अपनी-अपनी बातें रखीं. दिनभर चले इन सेशन्स में इन दिग्गजों ने 'कितना
बदल गया हिन्दुस्तान' विषय को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बेबाक राय दी. आगे देखिए एजेंडा आज तक 2014 के दूसरे दिन की तस्वीरें.
'एजेंडा आजतक' के दूसरे दिन पहले सेशन में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर, मौलाना महमूद मदनी और बीजेपी के पूर्व नेता स्वामी चिन्मयानंद ने धर्म के नाम पर हो रही राजनीति पर
अपने विचार रखे. मणिशंकर अय्यर ने कहा, 'जब एनडीए के समय स्वामी चिन्मयानंद गृह राज्य मंत्री थे, तब हम साथ बैठते थे. मैं इनसे कई चीजों पर चर्चा करता था. सबसे बड़ी
उत्सुकता तो ये जानने की थी कि इनके नाम के आगे ये 108 क्यों लगा है और ये पदवी कैसे मिलती है.'
मौलाना महमूद मदनी ने साफ किया कि इस्लाम में भी युवाओं की चिंता मस्जिद बनाने और डर से बचने तक ही सीमित रह गई है, जबकि उन्हें देश की मजबूती का हिस्सा बनने के
लिए प्रेरित किया जाना चाहिए.
स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि मैं यूपी से आता हूं. बीजेपी ऐसी ऐसी सीटों पर जीती है, जहां जाति और धर्म के कथित समीकरण कतई उसके पक्ष में नहीं जाते. ये सब हुआ है क्योंकि लोगों
ने मोदी के एजेंडे पर वोट दिया. कांग्रेस अब तक ये बात स्वीकार नहीं करती.
'कब बदलेगी सीबीआई 'सेशन में निदेशक अनिल सिन्हा ने कहा कि गलत कारणों से
सीबीआई का जिक्र होता है. इस संस्था में ईमानदार अधिकारी हैं, जो बहुत
मेहनत से अपना काम
करते हैं.
'धूम मची है सेशन' में बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने शिरकत की. शाहनवाज ने कहा कि कांग्रेस यह यकीन करने को तैयार नहीं है कि मोदी जी को
जनता ने पीएम बनाया. बनाने की बात तो ऐसी है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को पीएम बनाया था. कांग्रेस इनकार की मुद्रा में है. रही मीडिया की बात. तो सब तय कर लें कि
राहुल गांधी को पीएम बनाना है. फिर भी कामयाबी नहीं मिलेगी. वैसे भी मीडिया ने मोदी का विरोध ही ज्यादा किया है.
मोदी की धूम है या नहीं, इस सवाल के जवाब में सलमान खुर्शीद ने कहा कि राजनीतिक परिणाम आने के बाद मोदी की धूम से इनकार करना समझदारी नहीं होगी. लेकिन मुझे खेद है कि
उनकी जीत में किसी और के योगदान को नकारा जा सकता है. मीडिया ने भी उनके नाम को आगे बढ़ाया. ये बात और है कि आज सरकार के लोग छोटी सी आलोचना पर भी मीडिया पर
हमला कर रहे हैं.
'सुर के नए सरताज' सेशन में संगीतकार विशाल-शेखर शामिल हुए. शेखर ने गानों की कम्पोज़िंग में नई तकनीक के इस्तेमाल पर कहा कि तकनीकी
उपकरणों के साथ भी अगर ट्रेडिशनल सा माहौल दें तो मज़ा आता है. तकनीक के
सही इस्तेमाल से गानों
की आत्मा वही रहती है. ने बताया कि हम दोनों भी ऐसे प्रयोग करते हैं.
हमने 160 लोगों के साथ गाने रिकार्ड किये हैं. तकनीक बेहतर बनाती है. हो
सकता है कि आने वाले वक्त में
तकनीक के सहारे गायक की आवाज़ भी डेवलप हो जायेगी. उन्होंने बताया कि दोनों
के बीच ऑटो टयूनिंग है उसका फायदा है.
विशाल ने इस मौके पर कहा कि पहले कम फिल्में बनती थी. कम गाने बनते थे. जो
सिंगर थे रफी साहब, किशोर दा,
लता दी ये सब अपने आप में संस्थान थे. लोग इनसे सीखते थे. पहले 5 थे लेकिन
आज के दौर में जो नामचीन सिंगर हैं वो 20 होंगे, लेकिन क्वालिटी तो मैटर
करती है. इतने सारे निर्देशक
हैं, निर्माता है. फिल्में है तो नये लोगों को मौका मिल रहा है.
'एक्टिंग का नया तेवर' सेशन में अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और अर्जुन कपूर ने आज के वक्त में बॉलीवुड में एक्टिंग पर बातें की. सोनाक्षी सिन्हा ने कहा कि इंडस्ट्री बहुत बदल गई है. नई
फिल्में, नए जॉनर लोग स्वीकार कर रहे हैं. इस तरह से तेवर बदल गया है. कन्वेंशनल अब बोरिंग हो गया है.
अर्जुन कपूर ने कहा कि सोनाक्षी और मैं पहले बहुत मोटे थे. परेशान थे. फिर सलमान आए और हमारी जिंदगी बदल गई. ओके जोक्स अपार्ट . हमारी परवरिश ज्वाइंट फैमिली में हुई है.
पर्सनैलिटी वाइज हम सहमे हुए हैं. अभी यहां के बर्ताव पर मत जाइए. हम कंट्रोल पर रहते हैं. रणवीर सिंह की तरह नहीं है. नॉर्मल लोगों की तरह एंट्री लेते हैं. खाने के बहुत शौकीन हैं. सोनाक्षी ने अर्जुन की इस बात पर अपनी सहमति जताई.
'तेरा मेरा साथ रहे' सेशन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस
और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच जमकर सियासी बहस हुई.
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि हमने कभी
कांग्रेस की योजनाओं को नहीं नकारा, लेकिन इन्होंने हमसे कभी बात ही नहीं
की.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 60 सालों में क्या देश में कुछ नहीं हुआ? उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो देर किस बात
की.
'सफाई से बदलेगी सूरत' सेशन में मीनाक्षी लेखी, जयराम रमेश और स्वामी रामदेव ने शिरकत की.
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर लोग सेलिब्रिटी को झाड़ू के साथ देखते हैं, तो उनकी अपनी झिझक खत्म होती है. पांच स्कूलों के बच्चों ने बुद्ध जयंती पार्क को साफ किया. मैंने उन नामी
स्कूलों के बच्चों से पूछा. आप लोगों को सफाई में शर्म महसूस हुई. वो बोले, नहीं. घर पर झाड़ू लगाते हैं, नहीं. फिर कहा, अब आप सफाई करेंगे. बोले, जी. उन्होंने कहा कि अब हमें सफाई
गर्व का हिस्सा लगती है. सफाई को पहले कुछ खास जातियों से जोड़ा जाता था. अब सबको लगता है कि हम सब इसके लिए जिम्मेदार हैं.
जयराम रमेश ने कहा कि फोटो अपॉर्चुनिटी ही तो लग रहा है. जन जागृति कोई अब से नहीं चल रही. वाजपेयी जी और मनमोहन जी के जमाने से चल रहा है. ऐसा नहीं कि पहली बार
हो रहा है. मुझे खुशी है कि पीएम के स्तर पर इन बातों को बार बार दोहराया जा रहा है.
रामदेव ने कहा कि योग के, आयुर्वेद के अच्छे दिन आ गए हैं. काले धन के बुरे दिन आ
रहे हैं. प्रधानमंत्री ईमानदारी से काम कर रहे हैं. एक गांव आदर्श बनेगा, तो दूसरा भी प्रेरित होगा.
सेशन 'हिंदी हैं हम' में इस भाषा की मौजूदा हालत और इसके विकास से जुड़ी चुनौतियों पर गंभीर चर्चा हुई. किसी ने इसकी जटिलता पर, तो किसी ने इससे जुड़े 'अर्थशास्त्र' की ओर
सबका ध्यान खींचा. इस सेशन में हिंदी कवि कुमार विश्वास, अभिनेता और टीवी प्रेजेंटर अन्नू कपूर और एफएम पर रेडियो कहानी सुनाने वाले नीलेश मिसरा ने शिरकत की.
अभिनेता और टीवी प्रेजेंटर अन्नू कपूर ने कहा कि दासता का चिंतन है ये. मुगलों के आने से पहले प्राकृत बोली जाती थी, संस्कृत बोली जाती थी. फिर फारसी फैली और अंग्रेजों के समय
अंग्रेजी. विजेता कौम अपने निशान छोड़ती है. हिंदी में बुद्धिमानी की बात की जाए, तो कोई कान नहीं धरेगा, लेकिन अंग्रेजी में मूर्खता से भरी बातों को भी सुना जाएगा.
पत्रकार और एफएम रेडियो पर कहानी सुनाकर ख्यात हुए नीलेश मिसरा ने कहा कि टीवी पर हिंदी का मजाक उडाया जाता है. दोष रचनाकारों का भी है. वे खुद तो अच्छा काम करते
नहीं हैं, पाठकों और दर्शकों को दोष देते हैं. जब भी हिंदी में अच्छा काम किया गया, लोगों ने हाथोंहाथ लिया.
जब हिंदी के मुद्दे पर चर्चा होती है, तो यह तय माना जाता है कि इस भाषा को लेकर कई तरह की शंकाएं है. कवि कुमार विश्वास ने कहा कि शंका तो है, क्योंकि इसके रखवाले ही इससे
दोयम दर्जे का व्यवहार करते हैं. कहा जाता है कि हिंदी अब बाजार की भाषा नहीं. जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी की मां, हिंदी के बेटे पैदा करे.
'पहली-पहली बार' सेशन में भोजपुरी गायक व अभिनेता तथा बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने अपनी बात रखी. पहली बार बने सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अनुभव तो अच्छा है,
लेकिन खतरा भी है. लोगों की उम्मीदें ज्यादा हैं. वरना हीरो से विलेन बनने में देरी नहीं लगेगी.
सेशन 'कौन रोकेगा मोदी का विजय रथ' में राजनीति के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की. इस सेशन में मुख्तार अब्बास नकवी, केसी त्यागी और राजीश शुक्ला में शामिल हुए.
कांग्रेस के राजीव शुक्ला कहते हैं कि हमने भी दो बार केंद्र में सरकार बनाई और पत्रकारों ने हमारी खूब तारीफ की. आज जो मोदी वादे कर रहे हैं कि वे चांद भी ले आएंगे, तारे भी ले
आएंगे. देखते हैं वरना जनता सबक सिखाना जानती है.
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी कहते हैं कि आज विरोध के नाम पर नॉन इश्यू उठाए जा रहे हैं तो उससे मिलने वाला कुछ नहीं.
पहले कहा जाता था कि सरकार किसी की भी हो, सत्ता के दलाल हमेशा बने रहेंगे. लेकिन इस सरकार में ऐसे लोगों को तलाशेंगे तो चिराग लेकर ढूंढने से नहीं मिलेंगे.
जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि मोदी का रथ रोकने में तो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ही हमारी मदद करेंगे. उनके इतना कहते ही सभा में ठहाके गूंज उठे. त्योगी बोले बिहार और
पंजाब में इस बदलाव की पहली झलक दिखाई देगी.
'दिल्ली के दिल में क्या है' सेशन में राजधानी की सियासत से जुड़े राजनेताओं ने शिरकत की. इस सेशन में दिल्ली में आम आदमी पार्टी से मनीष सिसोदिया, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश
उपाध्याय और कांग्रेस नेता हारून यूसुफ ने अपनी-अपनी बातें रखीं.
पिछले चुनाव से इस चुनाव में परिवर्तन के बारे में हारून यूसुफ ने कहा कि इन चुनावों में बहुत कुछ बदला. लोगों ने हमारा काम देखा. एक साल से राजधानी का विकास रुक गया है.
लोग आप और बीजेपी का तमाशा देख रहे हैं. कभी बिजली के मुद्दे पर, तो कभी ट्रांसपोर्ट के.हम तो नारों और वादों में मारे गए.
आम आदमी पार्टी से लोगों को निराशा के बारे में मनीष सिसोदिया ने कहा कि यहां के लोग समझदार हैं. पीछे के नहीं, आगे के शीशे में देख रहे हैं. दिल्ली में सफाई की हालत क्या है. बस
फोटो छाप सफाई होती है. लोगों को करप्शन फ्री हाईटेक गवर्नमेंट चाहिए.
दिल्ली चुनाव में मोदी की प्रतिष्ठा के दांव पर लगने के बारे में दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि दिल्ली के दिल में वही है, जो देश के दिल में है. यहां पॉल्यूशन, ट्रैफिक,
बिजली, महिला सुरक्षा तमाम मुद्दे हैं. इनके लिए जिम्मेदार कौन है. दिल्ली में कमल आएगा. सीटें कितनी आएंगी, इसके अनुमान में नहीं पड़ूंगा. लोकसभा चुनाव की तरह ही हम मिशन
60 पर काम कर रहे हैं, ताकि दिल्ली को स्थिर और काम करने वाली सरकार मिले.
एजेंडा आज तक 2014 के सेशन 'ये कप हमारा है' में मोहम्मद अजहरुद्दीन, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और शोएब अख्तर ने शिरकत की. इन दिग्गज खिलाड़ियों में भारत और
पाकिस्तान में क्रिकेट के हालात और समस्याओं पर चर्चा की और अपनी पसंदीदा टीमों के 2015 वर्ल्डकप जीतने पर अपनी राय दी.
'एजेंडा आज तक' के आखिरी सेशन में महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने जीवन के कई अनछुए पहलुओं और अनुभवों को साझा किया. अमिताभ ने कहा कि मैं कुछ नया नहीं करता.
लेखक और डायरेक्टर मेरे लिए लेकर आते हैं. मैं भाग्यशाली हूं.
पीकू फिल्म के बारे में अमिताभ ने कहा कि पीकू की शूटिंग कलकत्ते में कर रहा हूं. पहली नौकरी वहीं की. ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली से नौकरी खोजने कलकत्ता गया. सात साल रहा. अब
बहुत बदल गया है. उन गलियों में जाते हैं, तो पुरानी यादें याद आती हैं .