बॉलीवुड के जाने-माने संगीतकार विशाल-शेखर जब एजेंडा आजतक के मंच पर आये, तो सारा माहौल सुरीला हो गया . हिट मशीन के नाम जाने जाने वाले इन युवा संगीतकारों ने सवालों के जवाब, तो दिये ही साथ ही मंच से दर्शकों को थिरकने के लिये मजबूर भी कर दिया.
एजेंडा में सवालों के जवाब देते हुये शेखर ने कहा कि हर कोई हमसे यही सवाल क्यों पूछता है कि हम दोनों में लड़ाई होती है. 15 साल हो गये साथ काम करते करते झगड़े सब हो चुके हैं. जब किसी गाने पर काम कर रहे होते हैं. तो किसी भी आइडिया पर नयी बातें निकल कर आती हैं. हम उस पर बात करते हैं, लेकिन झगड़ा नही करते. शेखर ने अपनी संगीतमय जीवन की शुरुआत के बारे में बताया कि उन्होंने कैराना घराने के उस्ताद नियाज़ अहमद खां से शास्त्रीय संगीत की तालीम ली. और उन्हें बहुत से लोगों ने राह दिखाई.
शेखर के मुताबिक उनके साथी विशाल के पास एक गिफ्ट है जो खास है वो है सीखने का जज्बा. शेखर ने कहा कि हम सिर्फ गाने बनाते हैं, हिट जनता बनाती है. सब मिलकर काम करते हैं. संगीतकार, निर्माता, निर्देशक . उन्होंने बताया कि हम हिट गाने बनाने के लिये नहीं सोचते बस गाना बनाते हैं. अहम ये है कि जब हम गाना बनाते हैं, तो उसकी सीडी बना कर खुद गाड़ी में सुनते हैं, घर में सुनते हैं, परिवार को सुनाते हैं फिर तय करते हैं.
शेखर ने गानों की कम्पोज़िंग में नई तकनीक के इस्तेमाल पर कहा कि तकनीकी उपकरणों के साथ भी अगर ट्रेडिशनल सा माहौल दें तो मज़ा आता है. तकनीक के सही इस्तेमाल से गानों की आत्मा वही रहती है. शेखर ने बताया कि हम दोनों भी ऐसे प्रयोग करते हैं. हमने 160 लोगों के साथ गाने रिकार्ड किये हैं. तकनीक बेहतर बनाती है. हो सकता है कि आने वाले वक्त में तकनीक के सहारे गायक की आवाज़ भी डेवलप हो जायेगी. उन्होंने बताया कि दोनों के बीच ऑटो टयूनिंग है उसका फायदा है.
उन्होंने कहा कि हम जब किसी बात को लेकर तर्क करते हैं तो विशाल और मैं इन्जॉय करते हैं. लुंगी डांस वाले गाने को लेकर हुये बवाल पर शेखर ने कहा कि वो लोगों ने फैलाया हम और शाहरुख एक परिवार है. वो जो बतंगड़ बना वो बाहर था. हमारे बीच नहीं. शेखर ने बताया कि सुखविन्दर सिंह, जगजीत सिंह, उस्ताद नियाज़ अहमद साहब, रफी साहब उनके पसंददीदा गायक हैं.
हिट मशीन के दूसरे जोड़ीदार विशाल ने सवालों के जवाब में कहा कि मैंने शेखर से बहुत कुछ सीखा है. बतौर संगीतकार कम सोचें, ज़्यादा सोचने से बात बिगड़ जाती है. ज्यादा सोचता हूँ कि हिट गाना बनाना है, तो बात नहीं बनेगी. बस इसलिये गाने पर ध्यान देते हैं कि गाना बनाना है. शेखर की बेटी हैं जो हमें प्रेरणा देती है. नई संगीत तकनीक के बारे में विशाल ने कहा कि सारे गाने इलेक्ट्रिक उपकरणों के साथ होते हैं ऐसा नहीं कि वो खराब होते है. तकनीक सहयोग करे तो बेहतर है लेकिन वो बैसाखी बन जाये तो ठीक नहीं होगा. जो आत्मा है गाने की वो कम्पोज़र के दिल से ही आती है.
विशाल का कहना है कि पहले कम फिल्में बनती थी. कम गाने बनते थे. जो सिंगर थे रफी साहब, किशोर दा, लता दी ये सब अपने आप में संस्थान थे. लोग इनसे सीखते थे. पहले 5 थे लेकिन आज के दौर में जो नामचीन सिंगर हैं वो 20 होंगे, लेकिन क्वालिटी तो मैटर करती है. इतने सारे निर्देशक हैं, निर्माता है. फिल्में है तो नये लोगों को मौका मिल रहा है.
किंग खान के बारे में विशाल ने कहा कि शाहरुख की खुद की लाइन है कि खुद से लड़ो. बहुत कम लोग हैं जो लोगों को अच्छे से हैंड़ल करना जानते हैं. शाहरुख उसमें माहिर हैं. वो किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने देते. संगीत को लेकर वो काफी गम्भीर नज़र आते हैं. हम आज कल काफी रियाज़ कर रहे हैं उनके साथ.
इस संगीतकार जोड़ी ने आज तक एजेंडा के मंच से अपने कई गीत भी गुनगुनाये. जिसका दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया.