'एजेंडा आज तक' में भी देश की लगातार गरमाती सियासत की तपिश महसूस की जा रही है. 'कौन रोकेगा मोदी का विजय रथ' सेशन के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों और बीजेपी नेताओं की नीयत पर जमकर टीका-टिप्पणी हुई.
'एक नेता है, जो अश्वमेध लेकर निकला है, तो क्या विपक्ष मोदी की विफलता का इंतजार कर रहा है?' इस बात पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि हमने भी दो बार केंद्र में सरकार बनाई और पत्रकारों ने हमारी खूब तारीफ की. आज मोदी जो वादे कर रहे हैं कि वे चांद भी ले आएंगे, तारे भी ले आएंगे. देखते हैं, वरना जनता सबक सिखाना जानती है.
जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि मोदी का रथ रोकने में तो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ही हमारी मदद करेंगे. उनके इतना कहते ही सभा में ठहाके गूंज उठे. त्यागी ने कहा कि बिहार और पंजाब में इस बदलाव की पहली झलक दिखाई देगी.
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज विरोध के नाम पर नॉन इश्यू उठाए जा रहे हैं, तो उससे मिलने वाला कुछ नहीं.
'पहले कहा जाता था कि सरकार किसी की भी हो, सत्ता के दलाल हमेशा बने रहेंगे. लेकिन इस सरकार में ऐसे लोगों को तलाशेंगे, तो चिराग लेकर ढूंढने से नहीं मिलेंगे.' इस सवाल पर राजीव शुक्ला से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने कहा कि यूपीए की सरकार 2004 में आई. भ्रष्टाचार के आरोप 2011-12 में लगे. हालांकि साबित कुछ नहीं हुआ. कुछ समय दीजिए, हो सकता है कि इस सरकार के बारे में भी हमारे पास कुछ ऐसा होगा, जिसका जवाब शायद नकवी जी न दे पाएं.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश ने पॉलिसी पैरालिसिस को नकारा है. लेकिन उनसे पूछा गया कि चुनावी सभाओं में तो 'दामाद' शब्द खूब उछाला गया, अब चुप्पी क्यों है? इस पर नकवी ने कहा कि कांग्रेस कहती रही कि गड़बड़ी हुई ही नहीं और हमारी सरकार कह रही है कि कार्रवाई होगी.
जेडीयू के केसी त्यागी से पूछा गया कि जिनको 'जंगल राज' चलाने वाला बताया गया, उन्हीं के साथ गठबंधन कर रहे हैं? त्योगी ने कहा कि पिछली सरकार के बारे में कहा गया कि पॉलिसी पैरालिसिस था, इस सरकार में तो हर तरह का पैरालिसिस होगा. ये तो गुजरात के दो भाइयों की सरकार है.
मोदी के मिले बहुमत पर त्यागी ने कहा, 'इस सरकार में आ रहा विदेशी निवेश संकेत है कि यहां सरकार वाकई में मिनिमम है और बाजार हावी है. यानी न मजदूर की बात है और न मजबूर की.'
तो क्या ये सरकार तानाशाही की तरफ बढ़ रही है?
नकवी ने कहा, 'देश में काम भी हो रहा है और रिफॉर्म भी. मुद्दों पर बात भी की जा रही है और सलाह भी ली जा रही है. ये पहली बार है जब पाकिस्तान रो रहा है. हमलावरों को बिल से निकालकर मारा जा रहा है. मनमोहन सरकार से सारी चीजें 180 डिग्री तक घूम चुकी हैं.'
राजीव शुक्ला ने कहा, 'ये जिन बिलों के बूते रिफॉर्म की बात कर रही है, वह यूपीए के समय के हैं. छह महीने पहले बीजेपी इनका विरोध करती थी, संसद नहीं चलने देती थी.'
नकवी ने कहा, 'आप बिलों को जेब में लेकर घूम रहे थे, यानी पॉलिसी पैरालिसिस और हमने संसद में लाकर पास करवा लिया. यही है फर्क.'