एजेंडा आज तक' के सेशन 'हिंदी हैं हम' में इस भाषा की मौजूदा हालत और इसके विकास से जुड़ी चुनौतियों पर गंभीर चर्चा हुई. किसी ने इसकी जटिलता पर, तो किसी ने इससे जुड़े 'अर्थशास्त्र' की ओर सबका ध्यान खींचा.