हिंदी जगत का महामंच 'एजेंडा आज तक' दिल्ली में शुरू हो गया है. दो दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत में इंडिया टुडे की ग्रुप
एडिटोरियल डायरेक्टर (ब्रॉडकास्ट एंड न्यू मीडिया) कली पुरी ने लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि इस दो दिन में देश के सभी मुद्दों पर खुल कर चर्चा
होगी. कली पुरी ने एजेंडा आज तक का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि एक चैनल के तौर पर हमारा न तो कोई दोस्त है और न दुश्मन. हम पर बिना
भय और पक्षपात के लोगों के सामने खबरें प्रस्तुत करने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है.
पहले सत्र में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार से बातचीत हुई. पहले सेशन का मुद्दा रखा गया- 'विकास का एक्सप्रेस वे'.
संसद में जारी हंगामे पर भी बात हुई. गडकरी ने कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष से चर्चा कर संसद चलाने की कोशिश करेगा.
एजेंडा आजतक के मंच पर गडकरी से पूछा गया था कि क्या देश की अमीरी देश की सड़कों से आंकी जाएगी? इस पर गडकरी ने कहा कि सड़कें होंगी
तो गांवों का विकास होगा. शहरों के साथ कृषि और गांवों का विकास भी जरूरी है. इस पर अश्विनी कुमार ने कहा कि देश आत्मसम्मान को लेकर चिंतित
है.
अश्विनी ने गडकरी से मुखातिब होते हुए कहा कि आप विकास के नाम पर पर्यावरण की धज्जियां उड़ा रहे हैं. देश में सस्टेनेबल विकास चाहिए,
सामाजिक न्याय को बढ़ाने वाला विकास चाहिए. आप यूपीए की योजनाओं को ही आगे बढ़ा रहे हैं. कोई एक नीति बताइए जो आपने बनाई हो. गरीबों के
उत्थान की योजनाओं में आपने सबसे ज्यादा कटौती की. जवाब में गडकरी ने कहा कि यह सत्ता हाथ से जाने की हताशा है.
विकास के मुद्दे से शुरू हुई बात सियासत पर पहुंच गई. अश्विनी कुमार ने सरकार पर सवाल उठाए तो गडकरी बोले- बीजेपी कोई मां-बेटे की पार्टी नहीं
है. मुस्लिमों के खिलाफ कांग्रेस की राजनीति रही है. सरकार का कोई फैसला अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रहा. दंगे तो यूपीए के कार्यकाल में भी हुए हैं.
एजेंडा आजतक के मंच पर दिग्गजों की बातचीत में नेशनल हेराल्ड का मुद्दा भी उठा. गडकरी ने कहा कि नेहरू ने कहा था कि यदि इस पर संकट
आएगा तो मैं अपना घर भी बेच दूंगा. लेकिन कांग्रेस ने उल्टा किया. 90 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिये बिना टैक्स के कंपनी में ले लिए. क्या कोर्ट का निर्णय
पीएम मोदी के फोन पर दबाव पर लिया गया. यह हम पर नहीं, न्यायपालिका पर और फैसला देने वाले जज पर आरोप है. कार्रवाई का राजनीति से कोई
लेना-देना नहीं है.
हिंदी जगत का महामंच 'एजेंडा आज तक' के मंच पर गडकरी से जब पूछा गया कि पार्टी अध्यक्ष रहेंगे या चले जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी
तय करेगी. यह पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस तय करेगा, गडकरी बात टाल गए.
इस खास बातचीत में गडकरी से पूछा गया था कि क्या देश की अमीरी देश की सड़कों से आंकी जाएगी? इस पर गडकरी ने कहा कि सड़कें होंगी तो गांवों का विकास होगा. शहरों के साथ कृषि और गांवों का विकास भी जरूरी है. इस पर अश्विनी कुमार ने कहा कि देश आत्मसम्मान को लेकर चिंतित है.
इस दो दिवसीय आयोजन में मोदी लहर की असली गहराई की जांच पड़ताल तो की ही जाएगी साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले
विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश सरकार की कैसी तैयारी है. कौन सा वो एजेंडा है जिसको वो अपना हथियार बना कर विधान सभा चुनाव में उतरेंगे.