बॉलीवुड के जाने माने एक्टर आशुतोष राणा एजेंडा आजतक के महामंच पर पहुंचे, लेकिन उनके आते ही माहौल गंभीर हो गया क्योंकि मुद्दा ही ऐसा था.
मुद्दा था- 'कितने सहनशील हैं हम'. आशुतोष ने असहिष्णुता से जुड़े सवालों पर खुलकर जवाब दिए और इस शब्द की परिभाषा भी बताई.
आशुतोष ने अवॉर्ड वापसी की तुलना गांधी जी के सविनय अविज्ञा आंदोलन से करते हुए कहा कि लेखकों का पुरस्कार लौटाकर विरोध जताने का तरीका
गलत नहीं है. असहिष्णुता पर आमिर और शाहरुख खान के बयानों पर उन्होंने कहा कि शाब्दिक असहिष्णुता का कोई अर्थ नहीं है.
उन्होंने आमिर खान की पत्नी के देश छोड़ने वाली बात पर कहा कि हम सब के साथ बहुत बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब हम घर कहते हैं कि
हम घर छोड़ देंगे, पर क्या हम घर छोड़ देते हैं? ऐसा नहीं होता है. आमिर के बयान के बाद जो प्रतिक्रिया हुई वह असहनशीलता का उदाहरण है.
एक सवाल पर कि क्या जो व्यक्ति सबसे ज्यादा सुरक्षित है, जिसे 100 से ज्यादा बाउंसर घेरे रहते हुए हैं, उसे ऐसा खतरा हो सकता है कि उसे देश
छोड़ना पड़ जाए. इस पर आशुतोष ने कहा कि ऐसे लोगों को ही खतरा ज्यादा होता है. विपत्ति उसी को घेरती है, जिसके पास संपत्ति होती है.