हिंदी जगत का महामंच 'एजेंडा आज तक' एक बार फिर आपके सामने है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 11 और 12 दिसंबर 2015 को आयोजित होने
वाले इस कार्यक्रम का पहला सेशन अश्विनी कुमार और नितिन गडकरी के साथ पूरा हुआ. दूसरे सत्र में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, माकपा की वृंदा करात
और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से चर्चा हुई. चर्चा का विषय रहा- ठहर गई मोदी लहर?
जहां माकपा नेता वृंदा करात ने बिहार में और गुजरात में बीजेपी की हार पर सवाल उठाए वहीं रविशंकर के कथन 'हमारी जीत इन दोनों को पचती
नहीं है' पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, बीजेपी को सात साल तक बदहजमी रही, वो हमारी चिंता न करें.
इस चर्चा के दौरान माकपा नेता वृंदा करात ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाओं से जुड़े बजट को सरकार ने आधा कर दिया है, ये बात बेहद चौंकाने वाली है. अगर बात समर्थन की आती है तो सरकार पाकिस्तान से बातचीत करे, इसका हम समर्थन करेंगे. लेकिन सरकार हर मुद्दे पर राजनीति करती है, जिसका हम समर्थन नहीं करेंगे.
'एजेंडा आज तक' में रविशंकर से पूछा गया कि पीएम मोदी विदेश घूमते हैं, लेकिन 2015 में 3000 किसानों ने आत्महत्या की तो वह एक भी किसान
के घर क्यों नहीं गए? इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी ने लालकिले से दिए पहले ही भाषण में कह दिया था कि यह सरकार गरीबों और किसानों के
लिए जिएगी.
रविशंकर ने इस बातचीत के दौरान यह भी कहा कि 19 करोड़ जनधन खातों में से 11 करोड़ गरीबों के हैं, किसानों के हैं. हम किसानों के लिए
ईमानदारी से काम कर रहे हैं. हमारे देवेंद्र फड़णवीस किसानों के घर गए थे और मोदी भी जाएंगे.
'एजेंडा आज तक' के मंच पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी लहर कमजोर नहीं हुई है. इस पर आनंद शर्मा बोले- पता नहीं पीएम मोदी किस दुनिया में रहते हैं. मोदी लहर अब उल्टी चल रही है.
'एजेंडा आज तक' के तीसरे सेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से दादरी से लेकर बिहार परिणाम तक विभिन्न मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई.
सैफई महोत्सव को लेकर होने वाले बड़े खर्च पर पूछे गए सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर सैफई में कार्यक्रम होता है, मैं नेता जी का जन्मदिन मनाता हूं तो ये मुद्दा क्यों बनाया जाता है. जन्मदिन ऐसे ही मनाया जाता है, ये आप सब जानते हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी ने एेसा कर दिया तो मुद्दा बन जाता है.
इस चर्चा के दौरान अखिलेश असहिष्णुता के मुद्दे पर भी बोले. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बढ़ाने से पहले ये सोचें कि बहस कहां से आई? विचार इस पर करें. हम चाहते हैं कि देश के लोग साथ रहें. दादरी में जो हुआ, वो देश की बुराई है सिर्फ उत्तर प्रदेश की नहीं. बतौर मुख्यमंत्री मैंने कानून के दायरे में रहकर सबकुछ किया. मुद्दा यह है कि समाज को कौन बांट रहा है. समाज बंटेगा तो नुकसान मेरा होगा. बंदायू मामले पर भी मीडिया ने सही रुख नहीं अपनाया.