scorecardresearch
 

म्यूजिक के लिए बेहद खराब दौर, अब गुलशन कुमार भी नहीं: अनुराधा

90 के दशक की सुपरहिट गायिका अनुराधा पौडवाल ने एजेंडा आज तक 2017 के मंच पर सुरीली बात सेशन में हिस्सा लिया. उन्होंने आज के समय के गानों में आए बदलाव, रीमिक्स के चलन और अपने दौर की की बातें शेयर की.

Advertisement
X
अनुराधा पौडवाल
अनुराधा पौडवाल

Advertisement

90 के दशक की सुपरहिट गायिका अनुराधा पौडवाल ने एजेंडा आज तक 2017 के मंच पर 'सुरीली बात' सेशन में हिस्सा लिया. उन्होंने आज के समय के गानों में आए बदलाव, रीमिक्स के चलन और गुलशन कुमार की हत्या के बाद म्यूजिक के स्तर में आई गिरावट के बारे में चर्चा की.

लता को ओवरटेक करने के सवाल पर उन्होंने कहा ऐसा बिल्कुल नहीं है. मैं उनकी बराबरी नहीं कर सकती. मैं खुशनसीब हूं कि मैं लता जी, रफी साहब, किशोर दा के जमाने की हूं. मुझे उनके साथ गाने का मौका मिला. मैंने लता के गाने सुनकर रियाज किया. उस दौर में लोग कहने लगे थे कि मैंने लता जी को ओवरटेक कर लिया है, लेकिन ऐसा नहीं था. वो लीजेंड हैं. अनुराधा ने अपनी कामयाबी के लिए अपने फैंस और टीसीरीज का शुक्रिया अदा किया.

Advertisement

'लीजेंड बनने के लिए समझौते करने पड़ते हैं, मैं लताजी के बराबर नहीं'

90 का दशक रोमांटिक गानों का दौर था

अनुराधा ने कहा कि 90 के दशक में एक फिल्म में 10 गाने होते थे. मुझे सभी गाने गाने का मौका मिलता था. आज 1-2 साल में एक रोमांटिक गाना मिलता है, लेकिन वो दौर कुछ अलग था.

गुलशन कुमार की हत्या के बाद म्यूजिक के स्तर में आई गिरावट

गुलशन कुमार के साथ अनुराधा ने बहुत काम किया था. उनका मानना है कि उनकी हत्या के बाद संगीत के स्तर में गिरावट आ गई. उन्होंने कहा- गुलशन जी के हत्या से बहुत शॉक लगा था. वो दिलोजान से आर्टिस्टों को उनकी पहचान दिलाने में मदद करते थे. वो निस्वार्थ भाव से सबकी मदद करते थे. आज के समय में ऐसा देखने नहीं मिलता.

घर में टेप कर भेजा था श्लोक, फिल्मों में ऐसे मिला था अनुराधा को ब्रेक

90 के दशक में एल्बम बनना हुआ शुरू

अनुराधा ने कहा कि 'लाल दुपट्टा मलमल' गाने से रोमांटिक गानों की शुरुआत हुई थी. 90 के दशक में एल्बम बनना शुरू हुए थे. बिना फिल्म और सिचुएशन का गाना बनाना आसान नहीं था. हम किसी के पास अगर एल्बम का प्रस्ताव लेकर जाते थे तो वो कहते थे सिचुएशन क्या है. 'लाल दुपट्टा मलमल का' के बाद 'जीना तेरी गली' में आया. इसके बाद तो लोग ऐसे गानों का इंतजार करने लगे थे.

Advertisement

उन्होंने बताया कि 'आशिकी' में जो गाने हैं वो मैं पहले ही गा चुकी थी. इसे सुनकर महेश भट्ट जी ने मुझे अप्रोच किया था.

आज की जेनरेशन को रीमिक्स पसंद

बॉलीवुड में पुराने गानों को रीमिक्स कर फिल्मों में इस्तेमाल करने की बात पर उन्होंने कहा- रोमांटिक गाना प्यार का एक्सप्रेशन होता है. 50-60 पहले जो कल्चर था, उस हिसाब से गाने बनते थे. आज प्यार वही है, लेकिन उसे जताने का तरीका बदल गया है. आज के युवा बहुत ट्रैवल करते हैं. वो अलग-अलग संस्कृतियों को देखते हैं. इसीलिए वो रीमिक्स को पसंद करते हैं.

धक-धक गाना माधुरी की वजह से पॉपुलर

अनुराधा ने अनिल कपूर-माधुरी दीक्षित स्टारर फिल्म 'बेटा' का गाना 'धक-धक करने लगा' गाया था. यह गाना बहुत पॉपुलर हुआ था. इस बारे में उन्होंने कहा कि वो गाना मेरी नहीं, माधुरी जी की वजह से फेमस हुआ था. वो बहुत अच्छी आर्टिस्ट हैं. जब यह गाना पॉपुलर हुआ, तब मैंने फिल्म देखी थी. गाने में माधुरी जी ने प्राण डाल दिया था.

लोग को विश्वास नहीं कि तम्मा तम्मा मैंने गाया है

'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' में 'तम्मा तम्मा' गाने का रीमिक्स वर्जन भी अनुराधा ने ही गाया है. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे हमउम्र विश्वास ही नहीं करते कि यह गाना मैंने गाया है. वो कहते हैं कि यह गाना आपकी बेटी ने गाया है. आज की पीढ़ी इसी गाने की वजह से मुझसे कनेक्ट हुई है.

Advertisement

करियर की ऊंचाई पर बॉलीवुड को कहा अलविदा

जिसने भी अपने करियर में सफलता देखी है और उसके बाद जब दूसरे लोग उन्हें ओवरटेक कर लेते हैं, तब वो बौखला जाते हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मैंने शुरू से ही फैसला कर लिया था कि मैं अपने करियर के पीक पर इंडस्ट्री को छोड़ दूंगी. उसके बाद मैंने भजन गाना शुरू किया. अगर आप ऊंचाई पर पहुंच कर यह सोचने लगते हैं कि अब यही मेरी जगह है, तब दिक्कत होने लगती है.

Advertisement
Advertisement