'एजेंडा आजतक' के मंच पर 'क्या राम मंदिर बनेगा 2019 का मुद्दा?' पर जम कर नेताओं की बीच बहस हुई. इस कार्यक्रम में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी से सुधांशु त्रिवेदी ने शिरकत की.
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारी हार्दिक इच्छा है कि भगवान राम का मंदिर बने. उन्होंने कुछ कोर्ट के फैसले भी बताए जिसमें राम मंदिर के पक्ष में बातें कही गई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से भी राम मंदिर बनने का रास्ता साफ होगा. इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राम मंदिर पर बीजेपी नेता की प्रतिक्रिया से ऐसा लगता है कि हिन्दुस्तान के चीफ जस्टिस सुधांशु जी ही हैं.
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और एआईएमआईएम के विचार एक जैसे हैं. दोनों साथ मिलकर सरकार भी चला चुकी है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दोनों देशहित में कम, आतंकियों के पक्ष में हमेशा एक साथ नजर आते हैं. चाहे वो जाकिर नाइक हो या फिर संसद पर हमले का दोषी अफजल गुरु. दोनों पार्टियों ने इनकी फिक्र होती है लेकिन 1948 में जंग शहीद होने वाले जवान की याद नहीं आती. वो भी मुस्लिम थे लेकिन इन्हें तो देश तोड़ने वालों की ज्यादा चिंता है.
उधर, ओवैसी ने भी राम मंदिर मुद्दे पर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि देखना है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर फैसला आस्था के आधार पर होगा या मालिकाना हक और सबूत के आधार पर. उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक के जजमेंट में यह नहीं लिखा है कि एक बार कहने से तलाक होगा कि तीन बार कहने से.
एक सवाल के जबाव में ओवैसी ने कहा कि अगर हिन्दुस्तान की बहुसंख्यक आबादी के सामने मेरे गर्दन पर वार करना चाहते हैं तो कर दीजिए. संविधान बहुसंख्यक के आधार पर नहीं चलता. नहीं तो भारत श्रीलंका हो जाएगा, म्यांमार हो जाएगा. इस मुल्क को सबसे बड़ा खतरा बहुसंख्यक को खुश करने से है.