हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के छठे संस्करण के दूसरे दिन आज 'क्या राम मंदिर बनेगा 2019 का मुद्दा?' पर चर्चा में कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी शामिल हुए. इस सत्र के अंत में सवाल-जवाब के दौरान इन नेताओं से वहां मौजूद हस्तियों ने कई अहम सवाल पूछे.
विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने पूछा कि अगर संसद में राम मंदिर का मुद्दा आया तो क्या कांग्रेस इसका समर्थन करेगी? इस मुद्दे पर सिंघवी कोई जवाब देते उससे पहले ही ओवैसी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव संसद में आ ही नहीं सकता क्योंकि ये मुद्दा मालिकाना हक का मामला है जो पहले से ही कोर्ट मे चल रहा है. वहीं सिंघवी ने कहा कि अगर-मगर वाले सवाल के जवाब नहीं दिए जा सकते. अगर संसद में ऐसा कोई मुद्दा आता है तो पहले सभी दलों के बीच इसपर सहमति बनानी होगी. अगर सभी दलों की सहमति बनती है और प्रस्ताव संसद में आता है तो उसका सभी दल समर्थन करेंगे.
इसी सवाल-जवाब के सत्र में सिंघवी से पूछा गया कि सिख दंगा के पीड़ितों को कब इंसाफ मिलेगा. इस सवाल को भी ओवैसी ने लपक लिया और साफ कहा कि कभी नहीं. उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ कभी नहीं मिलेगा लेकिन हमें इस घटनाओं को याद रखना है और आने वाली पीढ़ियों को भी इसे याद दिलाते रहना है ताकि वो इसके लिए लड़ाई जारी रखे. सिंघवी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया जारी है. इस सवाल के पीछे छिपी वेदना को वो समझ सकते हैं लेकिन न्याय प्रक्रिया लगातार आरोपियों पर चल रही है. दंडित की प्रक्रिया बहुत कम है इससे मैं सहमत हूं.
इसी सत्र पर ओवैसी से सवाल पूछा गया कि क्या वो तीन तलाक से सहमत हैं. इसपर उनका जवाब था कि ये पाप है लेकिन ये होता है इसलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिम युवाओं से कह रहा है कि अगर उनकी शादी विफल होती है तो कृपया इसे न अपनाएं और तलाक की जो सही प्रक्रिया है उसका पालन करें.