देश में 1 जुलाई 2017 से लागू गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में दूसरे दलों के साथ चलने की प्रवृत्ति नहीं है. वहीं सीपीआईएम मेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में बीजेपी के रुख का अंदाजा इसीबात से लगता है कि गुजरात चुनावों को देखते हुए जीएसटी के नियमों में बड़ा फेरबदल कर दिया गया जिससे राजनीतिक लाभ उठाया जा सके.
इन दोनों आरोपों को दरकिनार करते हुए केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विपक्ष को गुजरात में जीत रही बीजेपी रास नहीं आ रही लिहाजा वह अभी से जीएसटी समेत कई बहानों से अपनी हार को छिपाने की कवायद में लग गए हैं. वहीं बीजेपी द्वारा जीएसटी काउंसिल में दूसरे दलों के साथ चलते के मुद्दे पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जीएसटी में कोई भी बदलाव जरूरत के लिए किया गया है. अगर काउंसिल को जरूरी लगता है तो 6 बार सुधार के अलावा 600 बार सुधार करना पड़ा तो किया जाएगा. प्रधान ने कहा कि जीएसटी देश में टैक्स व्यवस्था का सबसे बड़ा सुधार है लिहाजा सभी दलों को मिलकर इसे प्रतिदिन बेहतर बनाने की कवायद करनी चाहिए.
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सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस लगातार मांग कर रही है कि गरीबों से जुड़े लगभग 100 उत्पादों को पूरा तरह से जीएसटी से बाहर कर दिया जाना चाहिए. लेकिन उनकी इस मांग को बीजेपी ने नहीं माना और गरीबों की जरूरत की ज्यादातर चीजों को 28 फीसदी के टैक्स स्लैब रखा गया. इसी चूक के चलते जीएसटी लागू होने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा झटका लगा.