एजेंडा आजतक 2017 के खास सत्र 'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन अंजना ओम कश्यप और सुजीत कुमार झा ने किया. इस सत्र की शुरुआत करते हुए नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ रिश्ता तोड़ते हुए बीजेपी के साथ आने के फैसले पर अपना तर्क रखा. वहीं साथ ही जेडीयू के बागी नेता शरद यादव पर भी तंज कसा.
आरजेडी से टकरार और एनडीए का दामन थामने के पीछे अपनी वजह बताते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उनके पास और कोई चारा नहीं था. वह और ज्यादा दबाव झेलने को तैयार नहीं थे. शरद यादव के आरोपों के बारे में पूछने पर नीतीश कुमार ने कहा कि शरद यादव के पास उनके समर्थन में लोग नहीं हैं और न ही उनके दावों में दम है.
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि शरद यादव को 40 साल में जो पब्लिसिटी नहीं मिली, वह 4 महीने में मिली. उनके आरोप बेबुनियाद हैं. हमने जो जनता से वादा किया है. वह वादा पूरा करना चाहते हैं. एनडीए में रहते हुए हम वह वादे पूरे करेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि आरजेडी के साथ गठबंधन की स्थिति ऐसे मोड़ पर पहुंच गई थी कि उनके पास गठबंधन तोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था. नीतीश कुमार ने कहा कि उनके डीएनए में हमेशा एनडीए रहा है. नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए में वापस आना न सिर्फ उनके लिए नैचुरल था बल्कि राज्य की जनता को भी यह एहसास नहीं है कि कोई अहम बदलाव हुआ है.
यही नहीं नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए कहा कि वह साहसीक पीएम हैं और 2014 के बाद किया अच्छा काम किया है. यही वजह है कि उनके खिलाफ होते हुए भी उनके फैसलों में साथ दिया.