'आजतक' के महामंच 'एजेंडा आजतक' के दूसरे दिन रवीना टंडन ने तमाम मुद्दों पर अपनी राय दी. उन्होंने 'देश का सिनेमा कैसा हो' सेशन में भाग लिया.
पद्मावती से जुड़े एक सवाल के जवाब में रवीना ने कहा, जब कोई परेशानी आती है तो फिल्म इंडस्ट्री एक साथ होती है. पद्मावती पर भी हम एकजुट हैं. फिल्मकारों के खिलाफ माहौल नया नहीं. मजरूह सुल्तानपुरी को डेढ़ साल तक जेल में रहना पड़ा था, क्योंकि उन्होंने एक कविता लिखी थी. किशोर कुमार के गाने रेडियो पर बैन कर दिए गए थे.
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किशोर कुमार से जुड़ा वाकया ये है कि एक बार इंदिरा गांधी का प्रोपेगेंडा संभालने वाले विद्या चरण शुक्ला की ओर से फोन किशोर कुमार को आया था. संदेश वाहक ने किशोर को ऑफर दिया था कि वे इंदिरा गांधी के इमरजेंसी के 20 सूत्री प्रोग्राम के लिए बनाए गाने को अपनी आवाज दें. किशोर ने पूछा कि वो इस गाने को क्यों गाएं तो फोन करने वाले ने कहा कि ये सूचना और प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ल का आदेश है. आदेश की बात पर किशोर कुमार काफी भड़क गए थे और उन्होंने फोन करने वाले को डपट कर बोला- पागल सा.. चल भाग.
किशोर की बात पर मंत्री जी बेहद नाराज हो गए थे और उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर के गाने बैन कर दिए थे. इस वाकये के बाद किशोर कुमार ने एक बार कहा था, 'कौन जाने वो क्यों आए, लेकिन कोई भी मुझसे वो नहीं करा सकता जो मैं नहीं करना चाहता. मैं किसी और की इच्छा या हुकुम से नहीं गाता. मैं समाजसेवा के लिए हमेशा ही गाता हूं."
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रवीना टंडन ने ये उदाहरण पद्मावती के संबंध में दिया. रवीना ने कहा, 'पद्मावती का विरोध गलत है. फिल्म में जौहर को महिमा मंडित नहीं किया गया है. उस जमाने में क्या होता था इसे दिखलाने की कोशिश की गई है. जहां तक बात है तो हमारे राजा-महाराजा कोई दूध के धुले नहीं थे. वो कोई गंगा स्नान नहीं करके आते थे.'
जब रवीना से पूछा गया कि आज के दौर में उनकी फिल्म मोहरा का गाना 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' बनना संभव है? उन्होंने जवाब दिया, 'मुझे नहीं मालूम. नुसरत से राइट्स लेकर ये गाना बनाया गया था. यूपी, लखनऊ या नॉर्थ की बात करें, यहां तक कि पाकिस्तान सब जगह लगभग एक ही कल्चर है. मेरी मां लखनऊ की हैं. वहां अमा यार तुम चीज बड़ी मस्त हो बेहद सामान्य बोली है. यही गाने में लिया गया था. रवीना ने कहा, 'काफी समय से हाइपर सेंसीटिव माहौल चल रहा है. किसी भी चीज में नुस्ख निकाल सकते हैं. फिल्मों का काम चीजों के चित्रण के जरिए मनोरंजन है कुछ स्थापित करना नहीं. उन्होंने सवाल किया- आखिर हमने क्यों कहा - तुम चौदहवी की चांद हो? ऐसे तो आप कुछ भी उठा नहीं सकते.