आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक' में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शिरकत की. 'जेटली की पोटली में क्या है' सत्र में उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. देश की आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि देश में राजस्व की स्थिति पहले से सुधरी है. तो वहीं अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत का दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि 2019 में चुनाव और वर्ल्ड कप दोनों हैं. बीजेपी और टीम इंडिया दोनों में शानदार खिलाड़ी है, एक जगह विराट कोहली हैं और दूसरी जगह नरेंद्र मोदी हैं. उनको हरा पाना इतना आसान नहीं है. आपको बता दें कि अगले साल किक्रेट के 50 ओवर फॉर्मेट का विश्व कप होना है साथ ही लोकसभा चुनाव भी होना है.
देश की आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है, जब डॉलर मजबूत होता तो रुपया कमजोर होता है. साथ ही आरबीआई विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को कोई खतरा नहीं है.
उन्होंने कहा कि जो बैंकिंग संकट पहले था, अब वह नहीं है. 2008 में जो अंतरराष्ट्रीय स्थिति हुई, भारत के ऊपर भी उसका असर पड़ा. यूपीए ने एक विचित्र प्रकार की नीति अपनाई. उन्होंने बैंकों के दरवाजे खोल दिए और जिसने जितना पैसा लेना चाहा, ले लिया. लेकिन अधिकतर लोग कर्ज बैंकों को वापस नहीं कर पाए और न ही ब्याज दे पाए, जिसके बाद एक दूसरा विचित्र कार्य किया गया. यूपीए सरकार में एनपीए 8 लाख करोड़ के हो गए. रिजर्व बैंक भी देखता रहा और कागज के ऊपर कहा कि सिर्फ 2.5 लाख करोड़ के एनपीए हैं. हम लोगों ने बैंकों को बदहाली से निकालने का प्रयास किया.
आरबीआई की स्वायत्तता को कोई खतरा नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को कोई खतरा नहीं है. सरकार चुनी हुई होती है. हमें जनता और व्यवसाय को जवाब देना पड़ता है. यह जवाब रिजर्व बैंक को नहीं देना पड़ता, इसलिए तरह-तरह के तंत्र इस्तेमाल करके उसमें प्रधानमंत्री के स्तर पर मीटिंग होती है. रिजर्व बैंक में जो पैसा है वह देश का पैसा है. रघुराम राजन ने भी चिट्ठी लिखकर कहा था कि रिजर्व बैंक में जो पैसा रिज़र्व है उसे कैसे खर्च किया जाए. विषय की गंभीरता से समझे बगैर नारों में इसे बदल दिया गया.
जेटली ने कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने आरबीआई गवर्नर रामा राव को लिखा था कि आपकी योजनाएं सरकार को सपोर्ट करने वाली होनी चाहिए, इसलिए उस समय गवर्नर ने इस्तीफा दे दिया था. गवर्नर जगन्नाथ ने मारुति को मदद करने से मना किया इसलिए उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार से इस्तीफा दे दिया.
जेटली ने कहा कि मेरे दोनों गवर्नर के साथ अच्छे संबंध थे और मैं आज भी उनसे संपर्क में हूं. आरबीआई की स्वायत्तता को कोई खतरा नहीं है लेकिन अगर अर्थव्यवस्था में कोई दिक्कत है तो हम रिजर्व बैंक से कहेंगे कि मदद करने सामने आए.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक में दो बैठकें अच्छी हुईं और कई मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें कैपिटल फ्रेमवर्क पर पूरी तरह सहमति थी. इस विषय को उठाना और यह कहना कि आरबीआई की स्वायत्तता पर हमला है, यह गलत है. मुझे साल के खर्चे के लिए और अगले साल मई तक के लिए रिजर्व बैंक के रिजर्व कैश से हमें एक पैसा भी नहीं चाहिए.
तीन राज्यों में मिली हार पर क्या बोले जेटली
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली हार पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि जब इनकंबेंसी होती है तो राजस्थान में जो 2013 में था कि कांग्रेस 23 सीट पर आई, मध्य प्रदेश में 2003 में था कि कांग्रेस कम सीटों पर सिमट गई, एंटी इनकंबेंसी का रिजल्ट दूसरी तरह का होता है. अगर दोनों के लगभग बराबर वोट मिले तो कई बार एंटी इनकंबेंसी नहीं होती. यह दूसरे फैक्टर होते हैं.
जेटली ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार आते ही हमने बिजली, सड़क की स्थिति अच्छी की, और खेती के मामले में हरियाणा और पंजाब को पछाड़ा. खेती के मामले में मध्य प्रदेश 18% की ग्रोथ रेट से बढ़ा. अच्छी व्यवस्था के चलते प्रोडक्शन बढ़ा और जब प्रोडक्शन सरप्लस हो गया तो दाम गिरने लगे, इसलिए किसानों को जो बाजार में दाम अपेक्षित था वह दाम नहीं मिले. केंद्र और राज्य सरकार ने अपनी ओर से योजनाएं दीं. किसानों के लिए घर देना, दूसरी योजनाएं देना उसी तरह की सब्सिडी का हिस्सा हैं. मध्य प्रदेश में किसानों की बदहाली है ऐसा नहीं है.
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर किसी राज्य के पास क्षमता है कि वो किसानों का कर्ज माफ कर दे तो उसका स्वागत है. आप डाटा निकाल लीजिए कि कौन से राज्य किसानों का कितना कर्ज माफ कर पाए. ऐसा सिर्फ तेलंगाना कर पाया.
बेरोजगारी पर क्या बोले
जेटली ने कहा कि इस देश में बेरोजगारी की समस्या रहेगी लेकिन उसको ऐसे कहना कि कुछ नहीं हो रहा है यह गलत है. हर सरकार में समस्या रही हैं. नोटबंदी के बाद टैक्स का दायरा बढ़ा और टैक्स कलेक्शन बढ़ा.
उन्होंने कहा कि पहले जो पहले काले धन से काम करता था अब वह पैसा सिस्टम में आ चुका है, इसलिए तो वो टैक्स भर रहा है. गांव में सड़क आवास और हेल्थ को लेकर जो योजनाओं हैं उसके लिए हम पैसा कहां से ला रहे हैं?
राफेल पर क्या बोले जेटली
अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विजय माल्या और राफेल पर सफेद झूठ बोला है. लंबी राजनीति करनी है तो क्रेडिबिलिटी जरूरी है. विषय की गंभीरता को समझना जरूरी है. अगर उन्हें लंबे समय तक गंभीर पॉलिटिक्स करनी है तो समझना होगा, सिर्फ झूठ बोलकर राजनीति करनी है तो फिर उनको सलाह देने की पोजीशन में नहीं हूं.
वित्त मंत्री ने कहा कि माल्या को लोन कांग्रेस ने दिया. देश और बैंकों को कांग्रेस ने लुटवाया. माल्या फ्रॉड का अपराध कांग्रेस की सरकार ने किया. हम तो पहले से जुटे रहे उसको वापस लाने में. एयरफोर्स की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए राफेल जरूरी था. करगिल युद्ध में सैनिकों को बंदूक लेकर पहाड़ पर चढ़ना पड़ा. राफेल विमान के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति से करार किया जिसमें जहाज सस्ता था.